माघ शुक्ल अष्टमी , कलियुग वर्ष ५११४
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री आजम खां को कुंभ मेला प्रभारी बनाए जाने पर सवाल खड़े किए हैं। संघ ने उनके ‘मुस्लिम मंत्री’ होने पर आपत्ति की है।
पिछले दिनों इलाहाबाद स्टेशन पर भगदड़ के हादसे में ३७ मौतों के बाद संघ ने अपने मुखपत्र ‘ऑर्गनाइजर’ के संपादकीय में कहा है, ‘उत्तर प्रदेश में करोड़ों रुपये की आमद-खर्च वाले महाकुंभ का प्रभार एक मुस्लिम मंत्री सौंपा गया है। इस पद की जिम्मेदारी हर किसी के बस की नहीं। संभव है कि यदि कोई हिंदू मंत्री प्रभारी होता तो यह हादसा न होता। सरकार को एक बेहतर प्रतिनिधि की तलाश करनी चाहिए थी।’
संपादकीय का शीर्षक ‘कुंभ में क्या कर रहे आजम’ दिया गया है। संपादकीय में यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का नाम लिए बगैर सुझाव दिया गया है, ‘ऐसे व्यक्ति के पास यह प्रभार होना चाहिए जो तीर्थयात्रियों के प्रति ज्यादा सहानुभूतिपूर्ण रवैया रखने वाला, इस विशाल आयोजन में सीधी भागीदारी रखने वाला और समर्पित हो।’ संघ के मुताबिक आजम में ये तीनों ही ‘योग्यताएं’ नहीं हैं।
उल्लेखनीय है कि हादसे के बाद आजम ने मेले के प्रभारी पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन अखिलेश ने उसे नामंजूर कर दिया। संघ ने इसकी भी आलोचना की है।
संपादकीय में लिखा गया है, ‘यूपी सरकार ने कहा कि हादसे के लिए आजम खां जिम्मेदार नहीं हैं। वे मेले का प्रभार देखते रहेंगे। इससे साफ है कि यूपी सरकार के पास दिल नहीं है। वह बीमार है।’ संघ ने आश्चर्य प्रकट किया है कि हादसे से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए आजम ‘बमुश्किल’ कहीं नजर आए। स्त्रोत : अमर उजाला
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पिछले दिनों इलाहाबाद स्टेशन पर भगदड़ के हादसे में ३७ मौतों के बाद संघ ने अपने मुखपत्र ‘ऑर्गनाइजर’ के संपादकीय में कहा है, ‘उत्तर प्रदेश में करोड़ों रुपये की आमद-खर्च वाले महाकुंभ का प्रभार एक मुस्लिम मंत्री सौंपा गया है। इस पद की जिम्मेदारी हर किसी के बस की नहीं। संभव है कि यदि कोई हिंदू मंत्री प्रभारी होता तो यह हादसा न होता। सरकार को एक बेहतर प्रतिनिधि की तलाश करनी चाहिए थी।’
संपादकीय का शीर्षक ‘कुंभ में क्या कर रहे आजम’ दिया गया है। संपादकीय में यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का नाम लिए बगैर सुझाव दिया गया है, ‘ऐसे व्यक्ति के पास यह प्रभार होना चाहिए जो तीर्थयात्रियों के प्रति ज्यादा सहानुभूतिपूर्ण रवैया रखने वाला, इस विशाल आयोजन में सीधी भागीदारी रखने वाला और समर्पित हो।’ संघ के मुताबिक आजम में ये तीनों ही ‘योग्यताएं’ नहीं हैं।
उल्लेखनीय है कि हादसे के बाद आजम ने मेले के प्रभारी पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन अखिलेश ने उसे नामंजूर कर दिया। संघ ने इसकी भी आलोचना की है।
संपादकीय में लिखा गया है, ‘यूपी सरकार ने कहा कि हादसे के लिए आजम खां जिम्मेदार नहीं हैं। वे मेले का प्रभार देखते रहेंगे। इससे साफ है कि यूपी सरकार के पास दिल नहीं है। वह बीमार है।’ संघ ने आश्चर्य प्रकट किया है कि हादसे से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए आजम ‘बमुश्किल’ कहीं नजर आए। स्त्रोत : अमर उजाला