Menu Close

म्यांमार ने बांग्लादेशी बौद्धों से कहा, ‘रोहिंग्याओं की जमीन पर आकर बस जाओ’

ढाका : म्यांमार के अधिकारियों ने दर्जनों बांग्लादेशी बौद्ध आदिवासी परिवारों को सीमा पार कर रोहिंग्या मुसलमानों की जमीन पर आकर बस जाने का प्रलोभन दिया है ! बांग्लादेश के सुदूरवर्ती पहाडी और वन क्षेत्रों से तकरीबन ५० परिवार मुफ्त जमीन और भोजन की पेशकश से आकर्षित होकर म्यांमार के राखाइन प्रांत चले गए हैं !

राखाइन प्रांत में म्यांमार की सेना ने रोहिंग्याआें पर कार्रवाई की थी, जिसके बाद हजारों रोहिंग्या वहां से भाग गए थे । स्थानीय पार्षद मुइंग स्वी थ्वी ने एएफपी से कहा कि मरमा और म्रो आदिवासी समुदायों के परिवार बंदरबन पहाडी जिले में अपना घर छोडकर चले गए हैं । उन्होंने कहा कि २२ परिवार सांगु वन रिजर्व में अपने गांवों चले गए ।

मुइंग स्वी थ्वी ने बताया कि इन परिवारों में मुख्य रूप से बौद्ध और कुछ ईसाई हैं । उन्हें म्यांमार, राखाइन में बसने का प्रलोभन दिया गया है । वहां उन्हें मुफ्त जमीन, नागरिकता और पांच साल के लिये मुफ्त भोजन दिया जा रहा है । उन्होंने कहा, ‘‘वे बर्मा छोड चुके रोहिंग्याओं की खाली जमीन को भरने जा रहे हैं !’’ पिछले साल अगस्त से तकरीबन सात लाख रोहिंग्या म्यांमार छोड चुके हैं और बांग्लादेश में शरण ली है ।

बांग्लादेश में हैं १० लाख से ज्यादा रोहिंग्या शरणार्थी

आपको बता दें कि जनवरी १८ मार्च को बांग्लादेश ने म्यांमार सीमा के पास के शिविरों में १० लाख से ज्यादा रोहिंग्या शरणार्थियों की गिनती की थी । जो पिछले अनुमान से ज्यादा है । रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस भेजने की तैयारियों के बीच बांग्लादेश की पंजीकरण परियोजना के प्रमुख ने बुधवार को यह जानकारी दी । बांग्लादेश की थलसेना ने पिछले साल म्यांमार से रोहिंग्या मुसलमानों के नए जत्थे के देश में दाखिल होने के बाद इन शरणार्थियों का बायोमीट्रिक पंजीकरण शुरू किया था । म्यांमार में मुस्लिम अल्पसंख्यक दशकों से अत्याचार का सामना करते रहे हैं !

 

स्त्रोत : झी न्यूज

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *