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मुंबर्इ – हिन्दुनिष्ठोंके विरोधके कारण ईसाईयोंके कार्यक्रममें अमेरिकाके मिशनरियोंके बोलनेकी अनुमति अस्वीकार की गई !

मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११६

धर्मरक्षणार्थ कृत्य करनेवाले हिन्दुनिष्ठोंका अभिनन्दन ! ऐसे हिन्दुनिष्ठ सर्वत्र हों !

dharmabhiimaniशीव, मुंबई, (महाराष्ट्र) – यहांके श्री षण्मुखानन्द सभागृहमें मुंबई स्थित न्यू लाइफ फेलोशिपद्वारा ‘वुमन ऑफ ऑनर, माई अलबास्टर जार’ महिलाओंके लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया था । इसमें अमेरिकन मिशनरी पास्टर जॉन एवं लौरींडा डन बोलनेवाले थे; परन्तु हिन्दुनिष्ठोंके विरोध करनेसे उन्हें अनुमति नहीं दी गई । (हिन्दुओ, यदि धर्मपर होनेवाले प्रत्येक आक्रमणके समय ऐसा संगठन दिखाया गया, तो निश्चित रूपसे धर्र्महानि रोकी जाएगी, यह ध्यानमें लें ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात )

१. ८ नवम्बर २०१४ को धर्मपरिवर्तनके उद्देश्यसे इस कार्यक्रममें अमेरिकन मिशनरियोंको आमन्त्रित किया गया है, यह ध्यानमें आनेपर विश्‍व हिन्दू परिषदके सहार प्रान्त सहमन्त्री श्री. सर्वेश विश्‍वकर्मा एवं बजरंग दलके संयोजक श्री. दिनेश सुवर्णकारके साथ २० हिन्दुनिष्ठोंने त्वरित शीव पुलिस थानेमें इस विषयमें परिवाद किया; परन्तु पुलिसकर्मियोंने सभी हिन्दुनिष्ठोंको २ घण्टेतक प्रतीक्षारत बिठाकर रखा । ( क्या अन्य धर्मियोंके सन्दर्भमें पुलिस कभी ऐसी लापरवाही करेगी ? – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात )

२. हिन्दुनिष्ठोंके १०० क्रमांकपर दूरभाष करनेपर पुलिसद्वारा कार्यवाही करनेका आश्‍वासन दिया गया । (हिन्दुनिष्ठोंके प्रत्यक्ष मिलकर दिए परिवादकी सीधी प्रविष्ट भी न करनेवाली पुलिस यदि दूरभाषसे आश्‍वासन देती है, तो उसपर हिन्दू कैसे विश्वास करें ? – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात )

३. अमेरिकन मिशनरियोंको इस कार्यक्रममें आमन्त्रित करनेपर आपत्ति जताते हुए हिन्दुनिष्ठोंने लिए पुलिसको विसा जांचनेके लिए सूचित किया तथा कहा कि यदि ये मिशनरी टूरिस्ट विसासमान विसाके अतर्गत आए हैं, तो उन्हें बोलनेकी अनुमति न दें । ( यदि पुलिसद्वारा ऐसे नियम बताए जानेपर हिन्दुनिष्ठोंको विवश होना पडा, तो पुलिस प्रशासनकी क्या आवश्यकता है ? – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात )

४. इस अवसरपर कार्यक्रमके आयोजकोंको पुलिसद्वारा आमन्त्रित करनेपर उन्होंने कहा, ‘हमने कार्यक्रमकी निमन्त्रण पत्रिकामें इस कार्यक्रममें विदेशी मिशनरी बोलेंगे,’ ऐसा प्रसिद्ध कर लोगोंको आकर्षित करनेका प्रयास किया था; परन्तु प्रत्यक्षमें वे कुछ नहीं बोलेंगे,’ ऐसा कह बात जमाई । अन्तमें, ‘भविष्यमें ऐसा नहीं होगा,’ ऐसा कहकर उन्होंने पुलिसको लिखित क्षमापत्र दिया ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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