मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११६
पाकिस्तान : कराची में एक सरकारी आवास में एक डरा और सहमा हुआ खानदान मौजूद है जो यह उम्मीद लेकर ढरकी से कराची आया है कि उनके साथ न्याय होगा। ये अंजलि मेघवाड़ के माता, पिता और बहन भाई हैं।
अंजलि के बारे में ढरकी के भरचविंडी के पीर खानदान का कहना है कि उन्होंने हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम स्वीकार कर लिया है जिसके बाद अंजलि का रियाज सियाल नामक व्यक्ति से निकाह कराया गया।
अंजलि के पिता कुंदन मेघवाड़ का कहना है कि उन्हें धमकी दी गई है, “मामला इधर खत्म कर दो, अगर ऊपर जाओगे तो हत्या कर देंगे।” इस बारे से उन्होंने सिंध के पुलिस महानिरीक्षक को भी बताया है, जिन्होंने उन्हें भरोसा दिलाया है कि अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जाएगा।
कुंदन मेघवाड़ का कहना है, “हमारी बच्ची 11 साल की है, उसे तो धर्म के बारे में भी पता नहीं, लेकिन भरचविंडी का पीर परिवार कह रहा है कि उसने हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम स्वीकार कर लिया है।”
वह कहते हैं, “वे जिस लड़की को लेकर जाते हैं उसे मुसलमान बना देते हैं। इस संबंध में कोई कानून होना चाहिए, कम से कम उनके मां बाप की तो राय ली जाए।”
दूसरी ओर भरचविंडी के पीर खानदान का कहना है कि लड़की समझदार और बालिग है और उसने अपनी मर्जी से इस्लाम स्वीकार किया है, जबरन धर्म परिवर्तन कराने का आरोप गलत है।
गौरतलब है कि इससे पहले ढरकी के भरचविंडी पीर खानदान पर रिंकल कुमार नामक लड़की का जबरन धर्म परिवर्तन का आरोप लगा था। कुंदन मेघवाड़ के साथ कमरे में बिस्तर पर बेसुध मौजूद अंजलि की मां हलीमा मेघवाड़ घटना की चश्मदीद गवाह हैं।
उन्होंने बताया, “सुबह दस बजे थे, वे घर में बच्चों के साथ अकेली थीं कि कुछ लोग आए और अंजलि को घसीटते हुए अपने साथ ले गए। मैंने चीख पुकार की, लेकिन किसी ने नहीं सुनी।”
समुदाय का विरोध
कुंदनलाल पिछले 40 सालों से ढरकी की मुस्तफाबाद कॉलोनी में रह रहे हैं और एक दुकान पर मजदूरी करते हैं। वह बताते हैं कि किसी ने उनके भाई को बताया कि आपके अपने घर में डाका पड़ा है। यह सुनकर वह घर की ओर भागे। वहां पहुंचे तो पता चला कि कुछ लोग अंजलि को उठाकर ले गए।
उन्होंने कहा, “लोगों के माध्यम से मालूम हुआ कि आरोपी सियाल बिरादरी के लोग थे, जिनका रियाद सियाल प्रमुख था। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने थाने गए लेकिन पुलिस ने साफ इंकार कर दिया। बाद में समुदाय के विरोध पर एफआईआर दर्ज कर ली गई लेकिन किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया।”
ढरकी में मीडिया से बात करते हुए रियाज सियाल का दावा था कि उसने अंजलि से उसकी पसंद की शादी रचाई है। उनका कहना है, “हम दोनों का मोबाइल फोन पर संपर्क हुआ था, जिसके बाद अंजलि ने अपनी मर्जी से इस्लाम स्वीकार कर उनसे शादी की।”
नाबालिग का बयान
कुंदन मेघवाड़ के वकील कांजी मल भील का कहना है कि उनके पास सरकारी जन्म प्रमाणपत्र और स्कूल सर्टिफिकेट मौजूद हैं जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि अंजलि की उम्र साढ़े 11 साल है।
ढरकी की अदालत में अंजलि का बयान उम्र के विवाद के कारण दर्ज नहीं हो सका, जिसके बाद अदालत ने अंजलि को कराची के एक सरकारी आश्रय स्थल में भेज दिया है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के क़ानून के अनुसार 18 वर्ष से कम यानी नाबालिग़ व्यक्ति का बयान स्वीकार नहीं किया जा सकता।
एडवोकेट कांजी भील का कहना है कि हाल ही में कम उम्र की शादियों के ख़िलाफ़ क़ानून पारित किया गया है, जिसके तहत 18 साल से कम उम्र में शादी नहीं हो सकती, और यदि ऐसा कोई करता है या इसमें मददगार साबित होता है तो वह अपराध का दोषी ठहराया जाएगा, लेकिन इसके बावजूद अंजलि मेघवाड़ के मामले में सरकार और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
पिता का इरादा
उन्होंने कहा कि वह हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रहे हैं कि यह मुकदमा कराची स्थानांतरित किया जाए क्योंकि ढरकी में फरियादी असुरक्षित हैं।
सिंध के कई शहरों में मेघवाड़ समुदाय द्वारा विरोध किया जा रहा है, जिन्हें इस बात पर शिकायत है कि प्रांतीय एसेंबली के हिंदू विधायक, जो अक्सर अगड़ी जाति से आते हैं, वो दलितों पर होने वाले जुल्मों पर चुप रहते हैं।
कुंदन मेघवाड़ ने इरादा कर रखा है कि उन्हें सरकार और अदालतों पर सौ प्रतिशत विश्वास है कि अंजलि वापस मिल जाएगी, लेकिन कुछ भी हो, वे सिंध में ही रहेंगे यहाँ से नहीं जाएंगे।
फिलहाल पिता और बेटी दोनों ही सुरक्षित स्थानों पर हैं लेकिन इन जगहों का चुनाव उन्होंने ख़ुद नहीं किया है।
स्त्रोत : अमर उजाला