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सावंतवाडी (महाराष्ट्र) : हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट का व्यवसायीयों को आवाहन !

सावंतवाडी में धर्मप्रेमी एवं उद्द्यमियों से विचार विमर्श करते हुए दार्इं ओर से प्रथम श्री. सुनील घनवट एवं श्री. राजेंद्र पाटिल

सावंतवाडी : यदि हिन्दू समाज जातिभेद भूल कर केवल एक ‘हिन्दू’ के रूप में जागृत हुआ, तो धर्मरक्षा के लिए सक्रिय हो सकता है ! इसलिए हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा चलाए जानेवाले हिन्दू राष्ट्र की नीव के लिए प्रभावी सिद्ध हुए उपक्रमों का आयोजन कैसे किया जाए, इस संदर्भ में दिशादर्शन किया जाता है। हिन्दुओं में धर्माभिमान का अभाव ही हिन्दुओं के अधःपतन का मुख्य कारण है। मुसलमानों को मदरसे में एवं ईसाईयों को चर्च में धर्मशिक्षा प्राप्त होती है। वैसी हिन्दुओं को धर्मशिक्षा नहीं प्राप्त होती ! फलस्वरुप उनमें धर्माभिमान नहीं होता है ! इसीलिए हिन्दू जनजागृति समिति नि:शुल्क धर्मंशिक्षा वर्ग आयोजित करती है। हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट ने इस कार्य में सभी को सम्मिलित होने का आवाहन किया।

हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से सिंधुदुर्ग जिले में धर्माभिमानी, उद्योजक, अर्पणदाता एवं हिन्दू धर्मजागृति सभाओं के लिए कार्य करनेवाले धर्मप्रेमी ऐसे विविध स्तरों पर कार्य करनेवाले धर्माभिमानी हिन्दुओं के लिए देवगड, कणकवली, मालवण, कुडाळ, सावंतवाडी आदि कुल ८ स्थानों पर बैठकों का आयोजन किया गया था।

इस समय श्री. घनवट ने राष्ट्र एवं धर्म की वर्तमान स्थिति, हिन्दुओं की धर्म के प्रति उदासीनता एवं ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने हेतु हिन्दुत्वनिष्ठों एवं जनताद्वारा कौन कौन से प्रयास करने चाहिए इस संदर्भ में मार्गदर्शन किया।

इस अवसर पर श्री. घनवट ने कहा कि वर्तमान स्थिति में एवं कथित धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र के कारण समाज, राष्ट्र एवं धर्म की परम अवनति हुई है। हिन्दुओं की सामाजिक, राष्ट्रीय एवं धार्मिक ऐसी सभी समस्याओं पर समाधान के रूप में भारत में हिन्दू धर्माधिष्ठित राज्यव्यवस्था, अर्थात ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करना आवश्यक है। इसीलिए हिन्दू जनजागृति समिति धर्मशिक्षा, धर्मजागृति एवं धर्मरक्षा से संबंधित उपक्रमों के माध्यम से राष्ट्रव्यापी हिन्दूसंगठन का कार्य कर रही है। यदि इस धर्मकार्य में सभी लोग अपनी क्षमता के अनुसार अधिकाधिक समय देकर सम्मिलित हुए, तो धर्म के लिए (अर्थात ईश्वर के लिए) तन, मन एवं धन का त्याग होगा एवं अपनी आध्यात्मिक उन्नति भी होगी !

धर्मशिक्षा वर्ग में हिन्दू धर्म की श्रेष्ठता, ईश्वरप्राप्ति एवं ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापना के लिए साधना के रूप में किस प्रकार कृति करें, इस संदर्भ में सक्रिय मार्गदर्शन साथ ही धर्मरक्षा के अंतर्गत आनेवाली कृतियों का नियोजन एकत्रित रूप से करना संभव होगा !

इस अवसर पर श्री. राजेंद्र पाटिल ने उपस्थित धर्माभिमानी एवं उद्द्यमियों को हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य के संदर्भ में अवगत कराया।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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