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कुंभनगरीमें आपत्कालीन स्थितिमें भी ‘हिंदू राष्ट्र’ स्थापनेके प्रदर्शनीको उत्स्फूर्त प्रतिसा

माघ शुक्ल पक्ष एकादशी, कलियुग वर्ष ५११४

कुंभनगरीमें आपत्कालीन स्थिति होनेपर भी ‘हिंदू राष्ट्र’की स्थापनेके प्रदर्शनीको उत्स्फूर्त प्रतिसाद

प्रयागराज – शुक्रवार, बसंतपंचमीसे निरंतर दो दिन कुंभनगरीमें तूफानी हवाके साथ मूसलाधार वर्षाने उथल-पुथल मचाया । इसका सनातन संस्था एवं हिंदू जनजागृती समितीके तत्वावधानसे ‘हिंदू राष्ट्र’की स्थापना हेतु लगाई गयी प्रदर्शनीपर परिणाम हुआ । फिर भी १७ फरवरीकी संध्यासे यह प्रदर्शनी पुनः खुल गयी एवं इसे कल्पवासी ( कुंभनगरीमें साधना हेतु रहनेवाले ) तथा श्रद्धालुओंका उत्स्फूर्त प्रतिसाद मिल रहा है । व्रतस्थ रहकर २५ फरवरीतक अथवा १० मार्चतक रुकनेवाले कल्पवासी प्रदर्शनीमें आकर शांततासे विषय समझ रहे हैं । अनेक लोगोंको यह जानकर आनंद हुआ कि सनातनका हिंदू राष्ट्र स्थापना हेतु लगाई गई प्रदर्शनी कुंभनगरीकी आपत्कालीन स्थिति होनेपर भी अंतिम दिनतक खुली रहेगी ।

आपत्कालमें भी श्रद्धालु प्रदर्शनीमें आ ही रहे थे !

मूसलाधार वर्षाके कारण कुंभनगरीके अधिकतर पंडाल गिर गये थे । प्रदर्शनीके पंडालके छतसे पानी गिरनेके कारण प्रदर्शनीको बंद कर दिया गया था । ऐसेमें, अनेक लोग प्रदर्शनीमें आकर फलकोंको पढ रहे थे । कुछ लोग फलक पढकर संबंधित ग्रंथकी मांग कर रहे थे । ऐसी परिस्थितिमें प्रदर्शनी अप्रत्यक्ष रूपसे चल ही रही थी । कुछ लोग सात्त्विक उत्पादनोंकी मांग कर रहे थे । उन्हें यह बतानेपर भी कि प्रदर्शनी बंद की गयी है तब भी वे आग्रहपूर्वक उत्पादनोंकी मांग कर रहे थे । स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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