बेंगलुरु : कर्नाटक के आरआर नगर स्थित श्री राजाराजेश्वरी मंदिर ने भक्तों के लिए ड्रेस कोड जारी किया है । इसके अनुसार स्लीवलेस टॉप, जींस और मिनी स्कर्ट्स पहनकर महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमती नहीं मिलेगी । मंदिर प्राधिकरणों ने पुरुषों के लिए भी ड्रेस कोड जारी किया है ।
नए ड्रेस कोड के तहत पुरुषों को परंपरागत धोती या फिर पैंट जबकि महिलाओं को साडी या चूडीदार सूट और दुपट्टे के साथ ही मंदिर के दर्शन प्राप्त हो सकेंगे । मंदिर के प्रवेश द्वार में ही एक नोटिस बोर्ड लगा दिया गया है । इसमें लिखा है कि आधुनिक कपडे जैसे बरमूडा, शर्ट्स, मिनी स्कर्ट्स, मिडीज, स्लीवलेस टॉप, लो-वेस्ट जींस और छोटी टी-शर्ट पहने भक्तों को मंदिर के अंदर अनुमती नहीं है । इसी के साथ नोटिस बोर्ड में यह भी लिखा है कि केवल पारंपरिक ड्रेस में ही भक्तों को मंदिर परिसर में प्रवेश दिया जाएगा ।
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खुले बालों के साथ अनुमती नहीं
मंदिर के कर्मचारियों ने कहा कि, नोटिस बोर्ड एक-दो महीने पहले लगाया गया है । उन्होंने कहा, ‘पुरुषों को धोती या पैंट और कमर पर अंगवस्त्र के साथ और उसके बिना शर्ट पहननी होगी । वहीं महिलाओं के लिए साडी और चूडीदार का ड्रेसकोड बनाया गया है ।’ उन्होंने यह भी बताया कि १८ साल से कम उम्र की बच्चियों को फुल लेंथ गाउन पहनकर प्रवेश करने की अनुमति होगी ।
महिलाओं को खुले बाल रखकर भी मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा । नोटिस बोर्ड में लिखा है कि बालों को रबर बैंड से बांधना आवश्यक है । मंदिर ट्रस्ट के सदस्य हयाग्रीव ए. ने ड्रेस कोड की पुष्टि करते हुए कहा कि यह नया नियम नहीं है और एक-दो साल से इसे फॉलो किया जा रहा है । उन्होंने कहा, ‘हमने देखा है कि कई युवक-युवतियां शॉर्ट्स पहनकर मंदिर के दर्शन के लिए आ जाते हैं । हमने उन्हें सलाह दी कि यहां जींस और शॉर्ट न पहनें । हमें संस्कृति का ध्यान देना होगा ।’
लोगों की मिली-जुली राय
उन्होंने साफ किया कि अभी तक किसी को प्रवेश करने से मना नहीं किया गया है । मंदिर के फैसले को लेकर स्थानीय लोगों की मिली-जुली राय है । लोग इस फैसले का समर्थन भी कर रहे हैं । जेपी नगर निवासी नेथरा कश्यप कहते हैं, ‘मंदिर पूजा का स्थान है । आपकी किसी चीज के लिए आलोचना हो उसके बजाय आप वह क्यों नहीं पहन सकते जो आवश्यक है । ड्रेस कोड दूसरे धर्मों में भी माने जाते हैं । तो अगर एक मंदिर ड्रेस कोड बनाता है तो इसमें गलत क्या है ?’
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स
हिन्दू जनजागृति समिती द्वारा की गर्इ मांग का परिणाम
कुछ माह पूर्व हिन्दू जनजागृति समितीप्रणित रणरागिणी इस महिला शाखा के पदाधिकारीयों ने मंदिर के पू. स्वामीजी से भेट कर देवस्थान में आनेवाले भक्तों को मंदिर की पवित्रता बनाए रखने हेतु वस्त्रसंहिता लागू करने का निवेदन दिया गया था । अब मंदिर ट्रस्टद्वारा इस संदर्भ में मंदिर के बाहर फलक लगाया गया है । उसपर रणरागिणी शाखा के बैंगलुरु की सौ. भव्या गौडा ने कहा कि, ‘मंदिर ट्रस्ट का यह निर्णय बहुत प्रशंसनीय है । इसका हम स्वागत करते है । इससे मंदिर के पवित्रता की रक्षा के साथ साथ हिन्दू संस्कृती का भी संवर्धन होगा । यह नियम सभी मंदिरों ने लागू करने चाहिए ।’