माघ शुक्ल पक्ष नवमी, कलियुग वर्ष ५११४
भोपाल (मध्यप्रदेश) – मध्यप्रदेश शासनको पुरातत्त्व विभागने वसंतपंचमीके दिन नमाज अदा करने एवं पूजा करवानेका आदेश दिया था; किंतु शासन इस आदेशका पालन करनेमें विफल रहा है, ऐसी आलोचना कांग्रेसके महासचिव (मौलाना) दिग्विजय सिंह (खां) ने की है । राज्य शासनने केंद्रीय गृहमंत्रालयको इस विषयमें जो आश्वासन दिया था, उसे निभानेमें विफल रही है । इस विषयमें केंद्रीय गृहमंत्रालयको पत्र लिखनेवाला हूं, यह बात श्री सिंहने कही है । ( भोजशाला हिंदुओंका सरस्वती मंदिर है, फिर भी उसे हिदुओंके अधिकारमें न देकर, धर्मंधोंको प्रत्येक शुक्रवारको नमाज अदा करनेके लिए खोलनेवाले हिंदूद्रोही (मौलाना) दिग्विजय सिंह (खां) को इस प्रश्नपर बोलनेका कोई नैतिक अधिकार नहीं ! – संपादक दैनिक सनातन प्रभात )
श्री सिंहने आगे कहा, ‘‘प्रशासनने धारमें धारा १४४ लागू की थी; फिर भी वहां हिंदूओंको शोभा यात्रा निकालनेकी, उद्घोषणाएं करनेकी अनुमति दी गयी । इसलिए, वहां तनाव निर्माण हुआ । ( हिंदुओं, ऐसे बाले बोलनेवाले सिंहको, वे जहां मिलें वहां वैध ढंगसे फटकारिए ! – संपादक दैनिक सनातन प्रभात ) प्रशासन कहता है कि भोजशालाके कमाल मौलाना मस्जिदमें नमाज अदा हुई है । किंतु, जिस स्थानपर नमाज अदा करनेकी अनुमति दी गयी थी, वहां नमाज अदा हुई ही नहीं’’, ऐसा उन्होंने कहा । ( धर्मंधोंकी नमाजपर बोलनवाले मौलाना सिंह, श्रीकाशीसुमेरुपीठके शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वतीका भाजपा शासनकी पुलिसने जो अपहरण कष्ट दिया था, उसके विषयमें कोई बात क्यों नहीं करते ? नवलकिशोर शर्माकी क्रूरतासे की गयी पिटाईपर वे चुप क्यों हैं ? – संपादक दैनिक सनातन प्रभात )
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात