मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११६
सिविल कोर्ट भी न कर सका मदद !
इपोह (मलेशिया) : एम इंदिरा गांधी की पति से वह आखिरी बहस थी। पति उन पर इस्लाम कबूल करने का दबाव बना रहा था। वह कट्टर हिंदू। इसलिए मना कर रही थीं। दोनों एक दूसरे पर चिल्लाने लगे, पड़ोसी जमा हो गए। अचानक पति ने बड़े बच्चे की गोद से ११ माह की बेटी छीनी और मोटरसाइकिल पर भाग निकला।
पांच साल पुरानी उस घटना के बाद से इंदिरा ने अपनी बच्ची को नहीं देखा। मलेशिया की सिविल कोर्ट ने बच्ची की कस्टडी इंदिरा को सौंपे जाने का आदेश दिया। लेकिन कुछ समय पहले ही इस्लाम कबूलने वाला उनका पति शरीया अदालत से बच्ची की कस्टडी ले चुका था। शरीया अदालत ने मां की बात सुनना भी गवारा नहीं समझा क्योंकि वह मुसलमान नहीं थी।
अब पुलिस भी सिविल कोर्ट के फैसले को लागू करवाने में खुद को असमर्थ बता रही है। इंदिरा किंडरगार्टन टीचर हैं। राजधानी कुआलालंपुर से २०० किलोमीटर दूर इपोह में रहती हैं। उनका कहना है, ‘मां के लिए यह बहुत बड़ा दर्द है। हमें एक मौका दिया जाए, हम भी मलेशियाई हैं’।
स्त्रोत : भास्कर