गुजरात के शहर अहमदाबाद के पालडी क्षेत्र के बाशिंदे रविवार को एक शांति मार्च और अनशन का आयोजन करनेवाले थे । उनका आरोप है कि, यहां रिहाइशी सोसाइटियों में से एक पर मुसलमानों ने ‘कब्जा’ कर लिया है । प्रदर्शन करनेवालों ने हिन्दू बाशिंदों की वापसी की मांग की । पुलिस ने ‘वर्तमान राजनीतिक हालात’ के मद्देनजर मार्च और अनशन की अनुमती नहीं दी, जिसके बाद प्रदर्शन वापस ले लिया गया । बता दें कि, जिस क्षेत्र में यह विवाद है, वहां पुलिस ने डिस्टर्ब्ड एरियाज एक्ट (Disturbed Areas Act) लगा रखा है । हालांकि, नागरिक सेवा समिति के बैनर तले इकट्ठा हुए नागरिकों का दावा है कि वह जल्द ही इस मुद्दे पर प्रदर्शन करेंगे !
बता दें कि पालडी हिन्दू बहुल क्षेत्र है । वहां जैनों की बहुत ज्यादा जनसंख्या है । नागरिक सेवा समिति के अपूर्व शास्त्री ने रविवार सुबह प्रदर्शन करने के लिए पुलिस से अनुमती मांगी थी । यहां लगभग ५० लोग वर्षा फ्लैट्स के बाहर सांकेतिक भूख हडताल पर बैठनेवाले थे । इसके बाद शांति मार्च निकाला जाना था । शास्त्री ने कहा, “प्रदर्शन का उद्देश आसपास के सोसाइटियों में रह रहे हिन्दू समुदाय को एक साथ लाकर उनकी ताकत दिखाना था । हम यह जारी रखेंगे और जल्द ही अनुमती लेंगे !” शास्त्री का दावा है कि वह किसी भी हिन्दू संगठन से जुडे नहीं हैं ।
शास्त्री ने कहा, “वर्षा फ्लैट्स को हिन्दुओं के लिए जन कल्याण कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी के तहत लगभग ३५ साल पहले बनाया गया था । धीरे-धीरे करके एक के बाद २० मुस्लिम परिवार यहां रहने लगे । हाल ही में इस सोसाइटी को फिर से विकसित किया गया । अब इसे ७ मंजिली कई ब्लॉकवाली सोसाइटी में तब्दील कर दिया गया, जहां १२५ परिवार रह सकते हैं । इन घरों में भी मुसलमान आ जाएंगे !”
समिति ने अहमदाबाद नगर निगम से कहा कि, इन फ्लैट्स को दोबारा से बनाया जाना गैरकानूनी है । म्यूनिसिपल कमिश्नर मुकेश कुमार ने कहा कि इस मामले में एएमसी की कोई भूमिका नहीं है । मुकेश के अनुसार, प्रदर्शन करनेवाले लोगों को अधिकारियों से संपर्क करने के लिए कहा गया है । उनके अनुसार, इस मामले में अपील करने के लिए सही अधिकारी जिला मजिस्ट्रेट हैं ।
स्त्रोत : जनसता