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मत्था टेकने भारत से पाक गर्इ सिख महिला का अपहरण, जबरन इस्‍लाम कबूल करवा कर पाकिस्‍तानी से कराई शादी

पाकिस्तान में रहनेवाले अल्पसंख्यक हिन्दू किस हालात में रहते होंगे इसका अंदाजा हम इस बात से लगा सकते है । जहां कुछ दिनों के लिए गर्इ गैर मुस्लिम महिला को अगवा कर उसका धर्म परिवर्तन कराया जाता है तथा किसी मुस्लिम से उसका निकाह भी होता है । हम बात कर रहे है सिख महिला किरण बाला की जो अपने धार्मिक स्थल पर मत्था टेकने गर्इ थी । आज तक केवल पाकिस्तान में रहनेवाले गैर मुस्लिम लोगों को (ज्यादा तर हिन्दुअों को) अपना निशाना बनाया जाता था परंतु अब इस घटना से पाक में बाहर से आनेवाले महिलाआें को निशाना बनाते हुए हम देख रहे है । आतंकियों का गढ बने तथा अल्पसंख्यक हिन्दुआें पर जुल्म ढहानेवाले एेसे पाकिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र क्या कोर्इ उचित कार्यवार्इ करेगा ? – सम्पादक, हिन्दुजागृति

पंजाब की रहनेवाली एक महिला का पाकिस्तान में अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन कराने का मामला सामने आया है ! महिला का नाम किरण बाला है । १३ अप्रैल को भारत से सिख श्रद्धालुओं का एक जत्था पाकिस्तान में पंजाब साहिब गुरुद्वारा और ननकाना साहिब के दर्शन के लिए पहुंचा । १६ अप्रैल को इस जत्थे में शामिल किरण बाला अचानक लापता हो गईं । मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, किरण बाला ने अचानक पाकिस्तान के इस्लामाबाद स्थित विदेश मंत्रालय में अपनी वीजा अवधि कुछ दिन और बढाने के लिए दरख्वास्त भेजी । इस एप्लिकेशन में किरण का नाम अमना बीबी लिखा हुआ है, जबकि एप्लिकेशन पर हस्ताक्षर अमीना के नाम से हुआ है !

पाकिस्तानी मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार, १६ अप्रैल को किरण ने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया और लाहौर के हंजवर मुल्तान क्षेत्र में रहनेवाले मुहम्मद अजाम से उन्होंने शादी कर ली । इस खबर के सामने आने के बाद भारत में रहनेवाले किरण बाला के परिजन हैरान हैं ! किरण के ससुर ने अंदेशा जताया है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने जबरन उनकी बहू का धर्म परिवर्तन कराया और उनकी दोबारा शादी करा दी । यहां आपको बता दें कि किरण बाला तीन बच्चों की मां हैं और साल २०१३ में उनके पति का देहांत हो चुका है !

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भारत में रहनेवाले किरण के ससुर तरसेम सिंह का कहना है कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) का एक डेलिगेशन पाकिस्तान गया हुआ था । उनकी बहू भी इसी जत्थे का हिस्सा थीं । परंतु अब तक एसजीपीसी या फिर विदेश मंत्रालय में से किसी ने भी उनसे कोई संपर्क नहीं किया है । तरसेम सिंह ने कहा कि यह जत्था २१ अप्रैल को वापस लौटनेवाला था और मैं चाहता हूं कि मेरी बहू वहां से सही-सलामत वापस आ जाए !

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तरसेम सिंह ने यह भी आशंका जताई कि, उनकी बहू सोशल साइट फेसबुक के जरिए किसी पाकिस्तानी शख्स के संपर्क में थीं । आपको बता दें कि, लगभग १७०० भारतीयों का एक जत्था इस यात्रा पर गया हुआ है । इस यात्रा को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव भी है । दरअसल, पाकिस्तानी अधिकारियों ने भारतीय दूतावास के अधिकारियों को भारत से आए तीर्थयात्रियों से मिलने की अनुमती नहीं दी है ! खबर यह भी है कि जहां भारतीय तीर्थयात्री गए हैं, वहां खालिस्तान के पोस्टर भी लगाए गए हैं !

स्त्रोत : जनसत्ता

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