पुणे में चैत्रागौरी के अवसर पर हल्दी-कुंकुम कार्यक्रम में रणरागिणी शाखा की ओर से उद्बोधन
पुणे : महिलाएं स्वसंरक्षण प्रशिक्षण लेकर स्वयं की एवं धर्म की रक्षा के लिए सिद्ध हों ! धर्मशिक्षा लेकर स्वयं धर्माचरण करें एवं अगली पीढी को सुसंस्कारित बनाएं, साथ ही साधना कर आत्मबल बढाएं । रणरागिणी शाखा की कु. क्रांति पेटकर ने ऐसा प्रतिपादित किया । १३ अप्रैल को यहां के घोरपडे पेठ में अखिल पुणे भावसार समुदाय महिला मंडल की ओर से चैत्रागौरी के हल्दी-कुंकुम कार्यक्रम का आयोजन किया गया था । उसमें वे ऐसा बोल रही थीं । श्रीमती अपर्णा फुटाणे के नेतृत्व में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।
इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्र एवं धर्म की वर्तमान स्थिति, महिलाओं की असुरक्षितता, लव जिहाद का संकट इन विषयों पर भी मार्गदर्शन किया । व्याख्यान के पश्चात हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं ने स्वसंरक्षण प्रात्यक्षिक प्रस्तुत किए । इस समय मंडल की अध्यक्षा श्रीमती निवेदिता जाडे, सचिव श्रीमती सुनीता इजंतकर, कोषाध्यक्ष श्रीमती तारा पिसे एवं श्रीमती तारा पांडव उपस्थित थीं । कार्यक्रमस्थल पर लगाई गई सनातन संस्था की ग्रंथप्रदर्शनी को अच्छा प्रतिसाद प्राप्त हुआ !
कार्यक्रम के पश्चात उपस्थित महिलाओं में से कुछ जिज्ञासु महिलाओं ने ३ स्थानोंपर रणरागिणी शाखा की ओर से प्रवचन एवं स्वसंरक्षण प्रशिक्षण प्रात्यक्षिकों के आयोजन की मांग की, साथ ही स्वसंरक्षण प्रशिक्षण वर्ग एवं धर्मशिक्षा वर्ग आरंभ करने की मांग भी की गई !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात