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धुलियां (महाराष्ट्र) में निर्माण विभाग ने श्री महाकालेश्‍वर महादेव मंदिर को अवैध प्रमाणित कर गिरा दिया गया !

मंदिरों के विरोध में तत्काल कार्रवाई करनेवाला प्रशासन क्या अन्य धर्मियों के अवैध प्रार्थनास्थलों पर भी ऐसी कार्रवाई का साहस दिखाएगा ? – हिन्दू जनजागृति समिति

मंदिर में शिवलिंग को उखाडते हुए निर्माण विभाग के कर्मचारी

(इस छायाचित्र को प्रकाशित करने का उद्द्येश्य किसी की भावना को आहत करने का नहीं है, किंतु शिवलिंग को कैसे उखाड़ा जा रहा है ये समझ में आये इसलिए प्रकाशित किया है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

धुळे : सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को आगे कर यहां के लोकनिर्माण विभागद्वारा पुलिसकर्मियों की तैनाती में श्री महाकालेश्‍वर महादेव मंदिर को अवैध प्रमाणित कर गिरा दिया गया ! वास्तव में यह प्राचीन मंदिर है । सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार ऐसे प्राचीन मंदिर का स्थानांतरण अथवा पुनर्स्थापना का निर्देश होते हुए भी की गई यह कार्रवाई एकतरफा ही है, ऐसा यदि सर्वसामान्य लोगों को लगा, तो उसमें कोई गैर नहीं !

हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र राज्य संगठक श्री. सुनील घनवटद्वारा प्रकाशित विज्ञप्ति में कहा गया है कि, हिन्दू सहिष्णु हैं; इसलिए केवल हिन्दुओं के मंदिरों को गिराना और अन्य धर्मियों को सहलाना, इसे अब हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन कदापि सहन नहीं करेंगे ! इस घटना का समितिसहित अन्य हिन्दुत्वनिष्ठों ने तीव्रता से विरोध किया है ।

यदि आपके आसपास भी मंदिर को अवैध प्रमाणित कर उसे गिराने जैसी घटनाएं नजर आए या इस विषय में कुछ जानकारी मिलें, तो हमें [email protected] इस इ-मेल पतेपर अवश्य सूचित करें !

इस विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि,

जनता के मन में ऐसी शंकाएं उत्पन्न हो रही हैं कि लोकनिर्माण विभाग एवं पुलिस प्रशासन की ओर से श्री महाकालेश्‍वर महादेव मंदिर को गिराने के लिए जो तत्परता दिखाई गई, उसी प्रकार की तत्परता क्या अवैध मस्जिदों, दर्गाहों, मदरसों एवं चर्च के विरोध में कार्रवाई करते समय दिखाई जाएगी ? मुंबई-आगरा महामार्ग पर स्थित धडगांव का दर्गाह अवैध होते हुए भी उसे हटाने के स्थान पर उसके बाजू में महामार्ग का निर्माण किया गया । इसका अर्थ केवल हिन्दुओं के मंदिरों को ही अवैध प्रमाणित कर गिराना एवं अन्य धर्मियों के अवैध प्रार्थनास्थलों के विरोध में की कार्रवाई को स्थगित रखना, यह कैसी धर्मनिरपेक्षता है ? अन्य धर्मियों को प्रसन्न रखने हेतु कुछ राजनेताओं के निर्देश से क्या यह कार्रवाई की जा रही है ? इस प्रकार की दोगुनी नीति अपनानेवाले अधिकारियों के विरोध में ही कार्रवाई की जानी चाहिए !

हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा विगत अनेक वर्षों से मंदिर सरकारीकरण कानून का विरोध किया गया है एवं श्री महालक्ष्मी देवस्थान, पंढरपुर देवस्थान, तुळजापुर देवस्थान, श्री सिद्धिविनायक मंदिर में चल रहे भ्रष्टाचार को हिन्दू जनजागृति समिति ने उजागर किया है एवं उसकी सीबीआई जांच कर संबंधित दोषी अधिकारियों के विरोध में तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है । ऐसा होते हुए भी चाहे वह पृथ्वी पर खडा कोई भी मंदिर हो, हिन्दू जनजागृति समितिसहित अन्य हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन उसका विरोध तो करेंगे ही ! जनसामान्यों की भावनाएं विकास के विरोध में नहीं, अपितु केवल एकतरफा की जा रही ऐसी कार्रवाई के विरोध में है, इसे लोकनिर्माण विभाग ने ध्यान में लेना चाहिए !

यह चित्र प्रकाशित करने का उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का नहीं है, अपितु केवल नागदेवता की मूर्ति बुलडोजरद्वारा कैसे उखाडी जा रही है, यह समझ में आए, इसलिए यह छायाचित्र प्रकाशित कर रहे हैं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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