यदि हिन्दू संगठित हाे जाए ताे हम विश्व के किसी भी काेने में नया इतिहास लिख सकते है, यही बात इन प्रदर्शनकारियाें ने आज हमें दिखार्इ है । हिन्दुविराेधी उमर अब्दुल्ला काे जिस तरह अमेरिका में हिन्दुआें के सामने झुकना पडा उसी तरह कश्मीरी पंडिताें काे अपना कश्मीर वापस देने के लिए उमर अब्दुल्ला जैसे लाेगाें काे पुन: एक बार हिन्दुआें के सामने झुकना पडे एेसा प्रभावी हिन्दुआें का संगठन निर्माण करने करने हेतु अब पुरे देश के हिन्दुआें ने अपना सहयाेग देना आवश्यक है ! – सम्पादक, हिन्दुजागृति
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला गुरुवार को अमेरिका के बर्कले शहर में थे । वह यहां बर्कले शहर के कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय में भाषण देने के लिए आए हुए थे । परंतु अमेरिका में रहने वाले कश्मीरी मूल के कुछ प्रदर्शनकारियों ने उन्हें भाषण देने से रोक दिया । उन्होंने उमर अब्दुल्ला के भाषण के दौरान नारेबाजी की । विरोध जताने वालों ने उमर और पिता पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को वॉर क्रिमिनल करार दे दिया । उमर अब्दुल्ला का विरोध करने आई एक महिला प्रदर्शनकारी ने उनसे कहा कि, ‘मैं तुमसे अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में बात करूंगी । तुम, तुम्हारे पिता, तुम्हारे दादा । तुम सभी युद्ध अपराधी हो । तुम मुझे वहां देखोगे ।’
उमर अब्दुल्ला का विरोध करने वालों में कश्मीरी पंडित भी शामिल थे । उन्होंने भी उमर अब्दुल्ला के भाषण का विरोध किया और खूब नारेबाजी की । कश्मीरी पंडित उमर अब्दुल्ला की पाक प्रायोजित आतंकवाद के मामले में चुप्पी से नाराज थे । उनमें से एक कश्मीरी पंडित ने कहा कि, ‘तुम अगर चाहो तो मुझसे कश्मीरी में भी बात कर सकते हो । मैं तुमसे बेहतर कश्मीरी बोलता हूं । इस पर उमर अब्दुल्ला ने जवाब दिया कि तुम सभी यहां से चले जाओ । इस पर एक युवक ने जवाब दिया कि ‘आप हमें जबरदस्ती बाहर निकाल रहे हैं ।’
बता दें कि, सन १९९० के आसपास जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का दौर शुरू हो गया था । कट्टरपंथी इस्लाम और आतंकवादियों के भय के कारण बडी संख्या में कश्मीरी पंडितों ने अपना घर छोड दिया था । इससे पहले १७ अप्रैल को उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट करते हुए बताया था कि, यूनीवर्सिटी आॅफ कैलीफोर्निया, बर्कले ने ‘द पाथ फॉरवर्ड इन कश्मीर, इटस कॉम्पलैक्सिटीज एंड वेरियस इश्यूज’ विषय पर चर्चा सत्र आयोजित किया है ।
रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारियोें ने यूनीवर्सिटी आॅफ कैलीफोर्निया के विराेध में एक आॅनलाइन कैम्पेन भी शुरू किया था । प्रदर्शनकारी इस कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को बुलाए जाने से नाराज थे । प्रदर्शन करने वालों का कहना था कि, अब्दुल्ला परिवार ने कभी भी पाकिस्तान के द्वारा कश्मीर में फैलाई जा रही अशान्ति पर कभी कोई बयान नहीं दिया है । जब कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार हो रहा था, तब भी अब्दुल्ला परिवार ने हमें बचाने का प्रयास भी नहीं किया था ।
स्त्राेत : जनसत्ता