नागपुर में राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन
नागपुर (महाराष्ट्र) : श्री शिवप्रतिष्ठान, हिन्दुस्थान के श्री. हरिश घोशीकर ने यहां के राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन को संबोधित करते हुए हिन्दुत्वनिष्ठों की ओर से अपनी मांगें रखते हुए कहा कि, महाराष्ट्र सरकारद्वारा मंदिरों में महिला पुजारियों को नियुक्त करने की घोषणा की गई है। महिलाओं के मंदिर प्रवेश का विषय महिला-पुरुष समानता का न होकर संपूर्णरूप से धार्मिक है ! मंदिरों में महिला पुजारियों की नियुक्ति करना धर्मशास्त्रसंमत नहीं है; इसलिए इस निर्णय को वापस लिया जाए साथ ही धार्मिक विषयों के संदर्भ में निर्णय करते समय शंकराचार्य अथवा काशी विद्वत परिषद से मार्गदर्शन लेकर हिन्दू समाज को इस विषय में अवगत कराया जाए। भीमा-कोरेगाव दंगे में हिंसा फैलानेवाले एक सहस्र से भी अधिक दंगाईयों के विरोध में प्रविष्ट अपराधों को वापस लेने के निर्णय को निरस्त कर उनके विरोध में कठोर कार्रवाई की जाए।
यहां के झांसी की रानी चौक पर २१ अप्रैल को किए गए राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन में पाकिस्तानी शरणार्थी हिन्दुओं का धर्मांतर रोकने के लिए उनको भारतीय नागरिकता प्रदान की जाए, मंदिरों में अर्पित धन का सामुहिक विवाह समारोहोंपर व्यय करने का निर्णय निरस्त किया जाए, मंदिरों में महिला पुजारियों की नियुक्ति करने का निर्णय निरस्त किया जाए, ये मांगें रखी गईं।
इस समय हिन्दुत्वनिष्ठोंद्वारा की गई नारेबाजी के कारण झांसी की रानी चौक गूंज उठा ! इस आंदोलन में श्री शिवप्रतिष्ठान के श्री. हरीश घोशीकर, सनातन संस्था की श्रीमती मंगला पागनीस, हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. अभिजीत पोलकेसहित अन्य हिन्दुत्वनिष्ठ उपस्थित थे।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात