नार्वे के एक राजनेता ने मस्जिदों से होने वाली पांच वक्त की अजान को लेकर बयान दिया है । उनका कहना है कि, वह मानवाधिकारों के साथ समझौता नहीं होने देंगे । मस्जिदों पर अजान का प्रसारण करने पर रोक लगानी चाहिए । ये बातें ओस्लो की सत्तारूढ प्रोगेस पार्टी के आव्रजन प्रवक्ता जोन हेल्गहेम ने कहीं । बता दें कि, इस समय ओस्लो में दो दलों के गठबंधन की सरकार है । हेल्गहेम ने कहा कि, देश के नागरिकों को शान्ति और सद्भाव चाहिए ।
उन्होंने इस तर्क को नकार दिया कि, लाउडस्पीकर पर होने वाले धार्मिक अनाउंसमेंट पर प्रतिबंध लगाना, मानवाधिकारों पर यूरोपीय संधियों का उल्लंघन है । हेल्गहेम ने कहा, ‘मैं इस मामले में किसी भी किस्म के मानवाधिकार का उल्लंघन नहीं देख पा रहा हूं । मैं जिस चीज की परवाह करता हूं, वह ये है कि लोग शान्ति से रहें और उनके पास पडोस में शोर न हो । इसका मतलब कहीं से भी ये नहीं है कि, मैं उनकी प्रार्थना पर प्रतिबंध लगा रहा हूं । और अगर इससे मानवाधिकार पर संधियों का उल्लंघन होता है तो मैं उसकी भी परवाह नहीं करता, क्योंकि मुझे ये बेवकूफी लगती है ।”
इस संबंध में दिए गए पिछले बयानों में प्रोग्रेस पार्टी के पूर्व नेता कार्ल हगेन का भी बयान था । उन्होंने कानून मंत्रालय की संधियों का भी उल्लेख किया था । नॉर्वे के संविधान के आर्टिकल ९ में धार्मिक विचार की स्वतंत्रता, अंतर्आत्मा, और धर्म को मानने की स्वतंत्रता का उल्लेख किया गया है । परंतु नॉर्वे के राज्य पश्चिमी ओस्लो में अक्सर ये बहस उठाई जाती है कि, नमाज से पहले अजान का प्रसारण लाउडस्पीकर पर करने पर प्रतिबंध लगाया जाए ।
बता दें कि, नॉर्वे की कई मस्जिदों में लाउडस्पीकर पर अजान का प्रसारण किया जाता है । एक स्थानीय नागरिक ने मीडिया को बताया, ‘नॉर्वे में लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता है, जिसमें ये भी शामिल है कि कोई भी प्रार्थना के लिए सार्वजनिक घोषणाएं नहीं कर सकता, क्योंकि इससे दूसरे धर्म के लोगों को समस्या हो सकती है । परंतु नॉर्वे की सीमा के बाहर स्टॉकहोम में मौजूद फित्तजा मस्जिद ने शुक्रवार को अजान का लाउडस्पीकर पर प्रसारण शुरू किया था । परंतु पिछले साल कार्ल्सक्रोना की मस्जिद ने विशेष अनुमति मिलने पर दिन में पांच वक्त की अजान का प्रसारण लाउडस्पीकर पर शुरू किया था ।
स्त्रोत : जनसत्ता