अमरावती (महाराष्ट्र) : हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से अमरावती के राजकमल चौक पर ११ अप्रैल को, साथ ही १२ अप्रैल को दरयापुर तहसिल के शिवाजी चौक पर राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन किया गया । इस अवसर पर शहर में चलाए गए आंदोलन में ३५, तो दरयापुर में चलाए गए आंदोलन में ५० से भी अधिक धर्मप्रेमि सहभागी हुए थे । ६०० धर्मप्रेमियों ने फेसबुक से किए गए आंदोलन के सीधे प्रसारण का लाभ उठाया ।
इन दोनों आंदोलनों में श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान के धारकरी श्री. अभिषेक दीक्षित, हिन्दू जनजागृति समिति के अमरावती जिला समन्वयक श्री. नीलेश टवलारे, श्रीमती अनुभूति टवलारे, लिंगायत समुदाय के प्रतिनिधि श्री. पंकज क्षीरसागर ने आंदोलन के विषय में अपने मत प्रस्तुत किये । आंदोलन के पश्चात अमरावती नगर में जिलाधिकारी तथा दरयापुर तहसिल में तहसिलदार को मांगों के ज्ञापन प्रस्तुत किये गए ।
शहर में संपन्न हुए आंदोलन में मोर्शी तहसिल के हिन्दुत्वनिष्ठ श्री. राजूभाऊ बुरंगे अपने सहयोगियों के साथ उपस्थित थे, तो दरयापुर के आंदोलन में धामोरी गांव के धर्मप्रेमी उत्स्फूर्तता से सहभागी हुए थे । दरयापुर तहसिल के आंदोलन का आयोजन यहां के स्थानीय धर्मप्रेमियों ने उत्स्फूर्तता से किया था । यह दरयापुर में चलाया गया पहला ही आंदोलन होते हुए भी आंदोलन में ५० से भी अधिक धर्मप्रेमी उपस्थित थे । शहर में संपन्न हुए आंदोलन को देखकर मोर्शी तहसिल तथा नांदगाव पेठ जैसे गांवों में भी इस प्रकार के आंदोलनों की मांग की गई !
इन आंदोलनोंद्वारा प्रस्तुत की गई मांगें ….
- केंद्र शासन शरणार्थी हिन्दुओं को उनकी मुलभूत आवश्यकताओं की आपूर्ति के लिए सुविधाओं का प्रबंध करे तथा उन्हें भारत की नागरिकता मिलने के लिए उनकी सहायता करे !
- कर्नाटक के कांग्रेस सरकार की ओर से लिंगायत समुदाय को स्वतंत्र धर्म की श्रेणी प्रदान करने के निर्णय को तुरंत निरस्त किया जाए !
- राज्य शासन कोल्हापुर के श्री महालक्ष्मी मंदिर में महिला पुजारियों की नियुक्ति कर सहस्रों वर्षों से चली आ रही परंपरा को न तोड़ें ! इस संदर्भ में हिन्दू धर्म के धर्माचार्य, शंकराचार्य आदि से मार्गदर्शन लिया जाए तथा हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए ही सभी निर्णय किए जाए !
क्षणिकाएं
१. शहर में चलाए गए आंदोलन के समय ओले गिरने के साथ तूफानी वर्षा हो रही थी, फिर भी धर्मप्रेमियों ने उत्स्फूर्त घोषणाएं देते हुए आंदोलन को चालू ही रखा !
२. शहर के आंदोलन के समय ८० वर्ष के एक वयस्क नागरिक ने आंदोलन की प्रशंसा करते हुए कहा कि मुझे आपका कार्य देखकर बहुत आनंद मिला ! उन्होंने कहा कि, इस कार्य के लिए मुझसे जो भी संभव होगा, वह मैं निश्चित रूप से करूंगा !
३. आंदोलन के पश्चात एक धर्मप्रेमी व्यावसायिक ने समिति के कार्य के कारण उन्हें योग्य दिशा मिलने की बात कह कर इसके आगे अपनी दुकान में समितिद्वारा प्रकाशित धर्मशिक्षा का फलक लगाने की अनुमति दी !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात