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पाकिस्तान में नहीं थम रहा अल्पसंख्यकों पर जुल्म, चौंकानेवाले हैं यह आंकडे !

पाकिस्तान की एक पुरानी आदत है अपनी कमियों को सुधारने की बजाए दूसरे की कमियां गिनाना ! भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर पाकिस्तान हमेशा ही झूठ फैलाने की कोशिश में रहता है । जबकि सच यह है खुद पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति बेहद खराब है !

अभी हाल ही में पाकिस्तान में पुलिस ने एक रिजवान गुजर नाम के मुस्लिम शख्स को ख्रिश्चन युवती की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है । जानकारी के अनुसार यह मुस्लिम युवक इस ख्रिश्चन युवती से विवाह करना चाहता था । परंतु युवती ने इस विवाह से इनकार कर दिया । युवती के इनकार करने के बाद से यह युवक काफी नाराज था । पिछले सप्ताह इस युवक ने सियालकोट इलाके में इस युवती के घर केरोसिन तेल डालकर उसका घर जला दिया ।

बुरी तरह झुलसने की वजह से आसमा याकूब की मौत हो गई

इस आगलगी के समय युवती घर में ही थी और घर में अचानक लगी आग में वो बुरी तरह से झुलस गई । गंभीर हालत में उसे लाहौर शहर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया । बीते शनिवार को इलाज के दौरान इस युवती ने दम तोड दिया । मृतक युवती का नाम आसमा याकूब बताया जा रहा है । पुलिस के अनुसार रिजवान कई दिनों से आसमा याकूब पर विवाह के लिए दवाब बना रहा था । इतना ही नहीं याकूब युवती पर अपना धर्म बदलने का दवाब भी बना रहा था ।

परंतु आसमा ने इस विवाह से साफ इनकार कर दिया । इसी बात से नाराज याकूब ने उसे जला कर मार डाला । इस मामले में याकूब ने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया है । पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की क्या स्थिति है ? इस बात का अंदाजा आप एक रिपोर्ट से लगा सकते हैं जिसमे कहा गया है कि हर साल लगभग ५००० हिन्दू पाकिस्तान छोड देते हैं ! खुद पाकिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ता कहते हैं कि, यहां कट्टरपंथी इस्लाम ने लोगों से आजादी छीनने का हर संभव तरीका अपना लिया है !

धार्मिक स्वतंत्रता समूहों एवं मानवाधिकार समूहों का कहना है कि वहाँ धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ बहुत भेदभाव बरता जाता है । पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को वहां की सेना से ही खतरा है क्योंकि सेना पाकिस्तान की ‘धार्मिक शुद्धता’ के लिए अल्पसंख्यकों को जिहादियों से मरवा रही है ! इस बात का दावा खुद एक पाकिस्तानी एक्टिविस्ट नदीम नुसरत ने पिछेल ही महीने किया था । नुसरत ने ये भी कहा था कि वहां एक्टिविस्ट्स भी सुरक्षित नहीं हैं !

स्त्रोत : जनसत्ता

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