गुरुग्राम में सोमवार शाम संयुक्त हिन्दू संघर्ष समिति के बैनर तले कई संगठनों ने प्रदर्शन किया । इनकी मांग थी कि मुस्लिम लोगों के नमाज पढने के दौरान बाधा डालने के आरोप में गिरफ्तार लोगों पर दर्ज केस वापस लिए जाएं । इन्होंने यह भी मांग की है कि, शहर में खुले में नमाज पढने पर रोक लगनी चाहिए ।
प्रदर्शन करने वाले संगठनों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने यह भी चेतावनी दी है कि, वह खुले में नमाज रोकने के लिए शुक्रवार को सडक पर उतरेंगे । वहीं, सोमवार सुबह साढे १० बजे लगभग ५० प्रदर्शनकारी शहर के कमला नेहरू पार्क में इकट्ठे हुए । यहां से उन्होंने मिनी सचिवालय तक मार्च निकाला । इसके बाद, प्रदर्शनकारियों ने सीएम मनोहर लाल खट्टर को लिखी गई एक चिट्ठी डिप्टी कमिश्नर विनय प्रताप सिंह को सौंपी । चिट्ठी में प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि, सेक्टर ५३ में शुक्रवार को पढी जाने वाली नमाज गैरकानूनी ढंग से जमीन कब्जाने की शुरुआत है । उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नमाजियों ने वहां ‘भारत विरोधी’ और ‘पाकिस्तान के समर्थन’ में नारे लगाए ।
संगठन ने अपनी चिट्ठी में आरोप लगाया है, “बीते डेढ महीने से कुछ लोग गुडगांव के वजीराबाद स्थित एक जमीन के टुकडे पर नमाज पढ रहे हैं । उनका मकसद इस पर अवैध ढंग से कब्जा करना है । ‘हिंदुस्तान मुर्दाबाद’ और ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारों के कारण वहां का माहौल खराब हो रहा है ।
उधर, प्रदर्शन करने वाले संगठन की चिट्ठी में लिखा है, “गुरुग्राम में रह रहे रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों की पहचान होनी चाहिए । उन्हें हिन्दू कॉलोनियों, सेक्टरों और पास-पडोस में नमाज पढने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए । इस तरह की अनुमति केवल उन जगहों पर दी जानी चाहिए, जहां इनकी जनसंख्या ५० प्रतिशत से ज्यादा हो । अगर ऐसा नहीं हुआ तो शांति भंग का खतरा बना रहेगा ।”
प्रदर्शन करने वाले संगठनों में से एक बजरंग दल के जिलाध्यक्ष अभिषेक गौर ने चेतावनी दी, “हमने जिला प्रशासन से दरख्वास्त की है कि खुले में नमाज पर रोक लगाई जाए । हम टीम बनाकर इस शुक्रवार को नजर रखेंगे, ताकि यह सुनिश्चित कर सकें कि सरकारी जमीनों पर गैरकानूनी ढंग से खुले में नमाज न पढी जा सके ।”
स्त्रोत : जनसत्ता