माघ शुक्ल एकादशी , कलियुग वर्ष ५११४
|
नई दिल्ली।
सैन्य खुफिया ब्यूरो और रॉ ने केंद्र सरकार को आगाह किया है कि चीन पाकिस्तान के सिंध प्रांत में ग्वादर बंदरगाह के पास ढांचा विकसित करने की आड़ में भारत पर नजर रखने के लिए राडार और कैमरे लगा रहा है।पाकिस्तान ने ग्वादर बंदरगाह को अत्याधुनिक बनाने की जिम्मेदारी चीन को दी है। चीन ने वहां भारी पैमाने पर निवेश भी किया है। खुफिया एजेसियों के मुताबिक इस इलाके में लंबी दूरी वाले राडार देखे गए हैं। पाकिस्तान के सिंध इलाके में प्राकृतिक संसाधनों कोयला, गैस और पेट्रोल का पता लगाने के लिए चीनी कंपनियों की मदद ली जा रही है। भारतीय खुफिया एजेंसियों को सिंध के मीरपुर खास, उमरकोट, थार, हैदराबाद और थाटा में चीन के खुफिया उपकरणों के प्रमाण मिले हैं।
खुफिया एजेंसियों की ओर से दी गई जानकारी में यह भी कहा गया है कि अगर भविष्य में पाकिस्तान इन इलाकों से कोई हरकत करता है तो उस स्थिति में चीन के ये उपकरण भारत पर नजर रख सकते हैं और जवाबी कार्रवाई को नाकाम कर सकते हैं। खुफिया एजेंसियों की जानकारी से रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय दोनों को अवगत करा दिया गया है। खुफिया एजेंसियों ने यह भी बताया है कि सिंध में बड़े पैमाने पर लोगों को चीनी भाषा सिखाई जा रही है।
गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक चीनी हवाई घुसपैठ की सही सूचना देने वाले तकनीकी उपकरणों की खरीद जल्द ही भारत करेगा और इसके लिए संबंधित फाइलें जल्द मंजूर हो जाएंगी। यही नहीं, रात में सीमा पर होने वाली हरकत पर नजर रखने के लिए हर पोस्ट पर फ्लड लाइट लगाए जा रहे हैं। साथ ही इस जानकारी के बाद सीमा सुरक्षा बल और आईटीबीपी को २० से २५ किलोमीटर दूरी कवर करने वाले राडार भी दिए जा रहे हैं। भारत पुख्ता प्रमाण के साथ चीन से इस विषय में जल्द बातचीत भी करेगा।
स्त्रोत – दैनिक भास्कर .कोम