नर्इ देहली : मशहूर लेखिका तस्लीमा नसरीन ने खुले में नमाज पढ़ने के मुद्दे पर ट्वीट कर ताजा बयान दिया है । उन्होने ट्वीट में लिखा- नमाज मस्जिदा या ईदगाह में पढ़ी जानी चाहिए । यह समझ में आता है । यह दूसरे पूजा करने वालों पर भी लागू होना चाहिए ।
Namaz should be offered at mosque and Eidgah. Makes sense. Should be applicable for other worshipers too. Blocking public places not good. pic.twitter.com/cs76oKVFf6
— taslima nasreen (@taslimanasreen) May 6, 2018
बता दें कि पिछले हफ्ते शुक्रवार को गुरुग्राम में कुछ हिंदूवादी संगठनों के द्वारा कथित तौर पर शहर के कई क्षेत्र में खुले में अदा की जा रही नमाज में बाधा पहुंचाने की खबरें सामने आई थीं ।
Not only Jinnah hall was renamed Surya Sen hall,in Bangladesh Jinnah Avenue was renamed Bangabandhu Avenue,Jinnah college was renamed Titumir college. Jinnah was not respected,cause he declared Urdu,only Urdu should be the state language of East Pakistan,where majority r Bengalis
— taslima nasreen (@taslimanasreen) May 7, 2018
देश में चल रहे जिन्ना विवाद पर भी तसलीमा ने अपनी राय रखी है । तसलीमा ने लिखा, बांग्लादेश में न केवल जिन्ना हॉल का नाम सूर्य सेन हॉल रखा गया था, जिन्ना एवेन्यू का नाम बदलकर भी बंगाबंधु एवेन्यू रखा गया था, जिन्ना कॉलेज का नाम बदलकर टिटुमिर कॉलेज रखा गया । जिन्ना का कोई सम्मान नहीं था क्योंकि उन्होने पूर्वी पाकिस्तान की राज्यभाषा को केवल उर्दू घोषित किया था जहां बहुसंख्यक बंगाली हैं ।
स्त्रोत : हरिभूमि