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अखाड़े में योगपीठ : ११ करोड़ के निर्माण पर सरकार का कब्जा !

माघ शुक्ल एकादशी , कलियुग वर्ष ५११४ 


साधुपुल (सोलन)। सोलन जिला के साधुपुल में पिछली भाजपा सरकार द्वारा बाबा रामदेव को दी गई ९६.२ बीघा जमीन की लीज रद्द कर दी है। इससे यहां देश की दूसरी पतंजलि योगपीठ बनने पर सवालिया निशान लग गया है। पतंजलि योगपीठ के पहले चरण में अब तक करीब ११ करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च कर चुका है।

 साधुपुल में पतंजलि योगपीठ का हरिद्वार के बाद देश में दूसरा योगपीठ स्थापित की जानी थी। इसमें हरिद्वार के समान योगपीठ की सुविधाएं उपलब्ध की जानी थी। इसकी स्थापना के पहले चरण में यहां विशाल दो मंजिला भवन का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है।

 इस भवन के पहली मंजिल में पतंजलि योग पीठ की ओपीडी बनकर तैयार है। दूसरी मंजिल में विशाल योग हॉल का निर्माण भी पूरा हो चुका है। इसमें योग एवं आयुर्वेद शिक्षा दिए जाने की योजना थी। इस भवन के पास जड़ी-बूटी क्रय-विक्रय केंद्र, प्रवेश द्वार, प्रवेश द्वार से भवन तक पक्की सड़क, सड़क के किनारे पार्किग और औषधि उद्यान के स्थान का निर्माण हो चुका है।

 परिसर में रोशनी के लिए सजावटी लाइटें भी लग चुकी है। यहां जहां स्थानीय लोगों की जड़ी-बूटियां और औषधीय पौधों की खरीद की जानी थी वहीं किसानों को औषधीय पौधों के बीज और पौधे भी निशुल्क देने की योजना है। उद्घाटन के दिन २७ फरवरी को योगपीठ ने स्थानीय किसानों को निशुल्क औषधीय पौधे व बीज देने की बात कही थी।

 मंगलवार को प्रदेश सरकार द्वारा पतंजलि योगपीठ की लीज रद्द करने के निर्णय के बावजूद बुधवार को साधुपुल योगपीठ में निर्माण कार्य को अंतिम रूप देने का काम जोर-शोर से चला रहा।

निर्माण में लगे लोग आहत: यहां निर्माण काम में जुटे इंजीनियर लीज रद्द होने के समाचार से आहत हैं। उन्होंने इस निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। यहां काम कर रहे सिविल इंजीनियर ललित कुमार, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर नीरज कुमार स्टोर मैनेजर अमित कुमार और स्टोर प्रभारी सुरेश ने कहा कि योगपीठ के प्रथम चरण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। यह पूछे जाने पर कि अब २७ फरवरी को पहले चरण का उद्घाटन होगा या नहीं। इस बारे में उन्होंने कहा कि इस बारे में वह कुछ नहीं कह सकते।

निर्माण अंतिम चरण में: यहां कार्यरत लोग निर्माण कार्य को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।  साधुपुल योगपीठ के प्रोजेक्ट प्रभारी कुलदीप चौहान कहा कि यहां योगपीठ के प्रथम चरण के पूरा होने से पूर्व ही कई पदों के लिए स्थानीय लोगों के करीब एक हजार आवेदन योगपीठ को मिल चुके हैं।

सोसायटी के पास ६ बीघा : पतंजलि योगपीठ के प्रोजेक्ट के प्रभारी कुलदीप चौहान ने कहा कि योगपीठ के साथ ही ६ बीघा से ज्यादा भूमि इंदिरा होलीडे सोसायटी के नाम है। जबकि ५ बीघा जमीन स्थानीय पंचायत के पास है।

 २०१०में लीज पर दी थी जमीन  

 प्रदेश सरकार ने योगपीठ को लीज पर साल २०१० में ९६.२ बीघा भूमि दी थी। इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने १९ जून, २०१०को योगपीठ में प्रथम चरण निर्माण का शिलान्यास योग गुरु रामदेव द्वारा साधुपुल में लगाए गए योग शिविर के दौरान किया।

हर्बल गार्डन के लिए ५० कर्मी तैनात

 करोड़ों रुपए भवन निर्माण और स्थल सौंदर्य पर खर्च किए जा रहा हैं। योगपीठ के प्रांगण में विशाल हर्बल गार्डन तैयार करने की योजना है। मैदान को समतल बनाने के लिए जेसीबी लगी है। हर्बल गार्डन की देख-रेख में ५० कर्मचारी लगाए जाएंगे।

 ये प्रस्तावित

 स्थानीय लोगों की जड़ी-बूटियां और औषधीय पौधों की खरीद की जानी थी उन्हें बीज और पौधे निशुल्क  दिए जाने थे।

 ये तो बन चुका

 दो मंजिला भवन बना

पहली मंजिल में ओपीडी 

विशाल योग हॉल पूरा

जड़ी-बूटी क्रय-विक्रय केंद्र

पक्की सड़क, पार्किग

जड़ी-बूटी क्रय-विक्रय केंद्र

औषधि उद्यान स्थल

परिसर में सजावटी लाइटें 

औषधि उद्यान स्थल

स्त्रोत  – दैनिक भास्कर .कोम

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