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परात्पर गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवलेजी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में पंढरपुर में श्री विठ्ठल-रुक्मिणी के पास मांगी मन्नत !

श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर में मन्नत मांगते हुए उपस्थित हिन्दूत्वनिष्ठ तथा श्रद्धालु

पंढरपुर – सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवलेजी का जन्मोत्सव वैशाख कृष्ण पक्ष सप्तमी अर्थात् ७ मई को
हुआ । जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के दीर्घायुष्य के लिए १० मई को सायंकाल ६.३० बजे यहां के श्री विठ्ठल-
रुक्मिणी मंदिर में नामदेव पायरी में सनातन संस्था, हिन्दू जनजागृति समिति, अन्या हिन्दूत्वनिष्ठ संगठनों के साथ श्रद्धालुओं ने मन्नत मांगी ।

मंदिर समिति के कार्यालय में अधिकारियों से भेंट कर उपर्युक्त विषय बताने के पश्चात् उन्होंने कार्यकर्ताओं को मंदिर में श्री विठ्ठल के चरणों के दर्शन करने की अनुमती दी ।

उस समय श्री विठ्ठल की प्रतिमा को कार्यकर्ताओं ने पुष्पहार अर्पण कर हिन्दू राष्ट्र के लिए प्रार्थना की । उस समय कुछ पल के लिए वातावरण में परिवर्तन हुआ, तो कुछ उपस्थितों को पृथक सुगंध की अनुभूती आई । कुछ श्रद्धालुओं ने यह अनुभव किया कि, ‘साक्षात् श्री विठ्ठल चरणों का दर्शन करने के कारण ‘परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के दीर्घायुष्य के लिए मन्नत मांगते समय की गई प्रार्थना श्री विठ्ठल चरणों तक पहुंची ।’

उस समय हिन्दू महासभा के श्री. बाळासाहेब डिंगरे, पेशवा युवा मंच के श्री. गणेश लंके, वारकरी संप्रदाय पाईक संघ के ह.भ.प. रामकृष्ण वीर महाराज, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के रामेश्वर कोरे, सामाजिक कार्यकर्ता श्री. चंद्रशेखर नागटिळक, बजरंग दल शहराध्यक्ष श्री. सुनील बाबर, सनातन संस्था की श्रीमती सुवर्णा पेठकर, श्रीमती सुनंदा पाटिल, हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. शशिशेखर पाटिल, राजेंद्र माळी, मोहन लोखंडे, वामन बेणारे तथा श्रद्धालु उपस्थित थे ।

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