ईश्वरीय अधिष्ठान को अपनी नीव बनाकर अपना शौर्य दिखाएं ! – श्री. सुमित सागवेकर, हिन्दू जनजागृति समिति
डोंबिवली : विजयादशमी, नरकचतुर्दशी आदि हिन्दुओं के त्योहार शौर्यजागरण करनेवाले ही हैं ! शौर्य से श्रेष्ठ और कुछ भी नहीं हैं। देवताओं ने हमें शौर्य जागृत करने के लिए ही शस्त्र प्रदान किए हैं। हमें शौर्य जागृत कर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करनी है। जब-जब शौर्य दिखाने की स्थिति आ गई, तब-तब हमने शौर्य का प्रदर्शन किया है। छत्रपति शिवाजी महाराज ने ईश्वरी अधिष्ठान रखकर पांच पातशाहियों को ध्वस्त कर अपना शौर्य दिखाया। हमें भी ईश्वरीय अधिष्ठान की नीव पर ही शौर्य दिखाना है। हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. सुमित सागवेकर ने ‘शौर्य जागरण का उद्देश्य एवं आवश्यकता’ इस संदर्भ पर मार्गदर्शन करते हुए ऐसा प्रतिपादित किया।
डोंबिवली (पश्चिम) में कोपर मार्ग पर स्थित राघवेंद्र स्वामी मठ में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में शौर्य जागरण शिविर का आयोजन किया गया था। इसमें १५ धर्माभिमानी सम्मिलित हुए। शिविर का आरंभ शंखनाद से किया गया। श्री. हेमंत पुजारी ने सूत्रसंचालन किया। श्री. निरंजन चोडणकर ने परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के हिन्दू राष्ट्र स्थापना के विचारों से अवगत कराया तो श्री. अभिजीत भोजने ने ‘साधना’ इस विषय पर मार्गदर्शन किया।
इस शिविर में अपने नित्य जीवन में हमारे साथ होनेवाली अनिष्ट घटनाओं का प्रतिकार कैसे करना चाहिए, साथ ही छोटी-छोटी घटनाओं में हम अपनी रक्षा कैसे कर सकते हैं ?, इसके प्रात्यक्षिक दर्शाए गए और शिविरार्थियोंद्वारा करवाकर भी लिए गए। शिविर के समापन के पहले सभी शिविरार्थियों ने हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए प्रतिबद्ध होने की शपथ ली।
क्षणिकाएं
१. इस समय परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के कार्य की ध्वनिचित्रचक्रिका दिखाई गई।
२. शिविर में क्रांतिकारकों की प्रदर्शनी लगाई गई थी।
३. स्वसंरक्षण प्रशिक्षण सीखते समय शिविरार्थी ‘हर हर महादेव’ के नारे लगा रहे थे !
४. शिविर में सभी शिविरार्थियों से ‘ॐ’ के उच्चारण एवं ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ नामजप करवाकर लिया गया।
सहभागी शिविरार्थियों की प्रतिक्रियाएं !
१. स्वसंरक्षण प्रशिक्षण लेने के पश्चात उत्साह प्रतीत हुआ !
२. स्वसंरक्षण प्रशिक्षण लेते समय अन्य समय की अपेक्षा अधिक शक्ति प्रतीत हुई !
३. ‘सामने चाहे कितने भी शत्रु आकर खडे रहें; परंतु हम उनसे लड सकते हैं’, यह आत्मविश्वास जागृत हुआ !
४. शौर्य एवं साधना, इन दोनों का वास्तविक अर्थ ध्यान में आया !
पडघा (पनवेल) के हनुमान मंदिर में हिन्दुत्वनिष्ठोंद्वारा श्री हनुमान के चरणों में मांगी गई मन्नत !
पनवेल : १२ मई को पडघा के श्री हनुमान मंदिर में धर्मप्रेमी एवं हिन्दुत्वनिष्ठोंद्वारा श्री हनुमान के चरणों में मन्नत मांगी गई। इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. श्रीकृष्ण उपाध्ये ने उपस्थित धर्मप्रेमियों को श्री हनुमान के चरणों में मन्नत मांगने का उद्देश्य एवं महत्त्व विशद किया। उसके पश्चात पडघा के धर्मप्रेमी, विज्ञापनदाता, पडघा के पूर्व सरपंच एवं सनातन के हितचिंतक श्री. कृष्णा पाटिल ने पुरोहितों की उपस्थिति में श्री हनुमान के चरणों में मंत्रोच्चारणसहित मन्नत मांगी। हिन्दू जनजागृति समिति की श्रीमती मोहिनी पांढरे ने हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान की विस्तृत जानकारी बताई। इस उपक्रम में १३ हिन्दुत्वनिष्ठोंसहित अन्य श्रद्धालु भी सम्मिलित हुए। श्री. श्रीकृष्ण कदम एवं हिन्दुत्वनिष्ठ श्री. सुनील विश्वनाथ भोईर ने इस अभियान के अंतर्गत शौर्यजागरण शिविर के आयोजन की मांग की। इन दोनों ने गांव में उपलब्ध सभागार एवं प्रसार का दायित्व लेकर १८ मई २०१८ को अगली बैठक सुनिश्चित की।
क्षणिकाएं
१. श्री. कृष्णा पाटिल एवं श्री. सुनील भोईर ने शौर्य जागरण शिविर के लिए गांव का सभागार उपलब्ध कराने की एवं इस वर्ग में महिलाएं भी उपस्थित रहे, इसके लिए प्रयास करने का आश्वासन दिया।
२. श्री. कृष्णा पाटिल ने अन्य लोगों को सनातन के ग्रंथप्रदर्शनी के संदर्भ में जानकारी दी।
चंद्रपुर में श्री महाकालीदेवी एवं श्री दुर्गादेवी के चरणों में मांगी गई मन्नत !
चंद्रपुर : परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ७६वें जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में सनातन संस्था के साधक एवं हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं की ओर से यहां की श्री महाकालीदेवी के चरणों में मन्नत मांगी गई। यहां के श्री दुर्गा मंदिर, श्री गणेश मंदिर, श्रीराम मंदिर में भी मन्नत मांगी गई। सनातन संस्था की ओर से श्री भवानीमाता मंदिर, श्री हनुमान मंदिर एवं श्री राधाकृष्ण मंदिर में ‘आनंदमय जीवन के लिए अध्यात्म’ इस विषय पर प्रवचन लिया गया। इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ता भी उपस्थित थे।
परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में चलाए गए राष्ट्र-धर्मजागृति उपक्रम के अंतर्गत सनातन संस्था की ओर से यहां के श्री हनुमान मंदिर, श्री दुर्गा मंदिर, श्री गणेश मंदिर, श्रीराम मंदिर एवं श्री राधाकृष्ण मंदिर की स्वच्छता की गई।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात