- बीजेपी सरकार का उल्लेखनीय निर्णय !
- इस तरह, राज्य के अलीगढ, मुजफ्फरनगर के साथ बीजेपीशासित अन्य २० राज्यों के एवं केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र के सभी विदेशी नामों का बदलनी चाहिए !
इलाहाबादः विश्व प्रसिद्ध इलाहाबाद का कुंभ मेला ४ फरवरी २०१९ से ४ मार्च तक २०१९ तक चलेगा। उत्तर प्रदेश कि योगी सरकार ने इलाहाबाद को प्रयागराज के नाम से औपचारिक मंजूरी दे दी है और जल्द ही इसका आधिकारिक शासनादेश भी जारी हो जाएगा। २०१९ में लगने वाले कुंभ से पहले प्रयागराज नाम पूरी तरह अस्तित्व में होगा और हर सरकारी कामकाज में प्रयागराज ही इस्तेमाल किया जाएगा। सरकार लगातार इसकी दिशा में आगे भी बढ रही है और कुंभ के हर आयोजन को प्रयागराज के नाम से ही जोड़कर ब्रांडिंग कर रही है। यहां तक कि कुंभ मेला के आधिकारिक लोगो में भी सिर्फ प्रयागराज का जिक्र है। इस बाबत डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि इलाहाबाद का नाम उसके पुराने नाम प्रयागराज से ही जाना जाएगा और जल्द ही इस नाम की घोषणा शासन स्तर पर की जाएगी।
इलाहाबाद को वैसे भी तीर्थराज प्रयाग के नाम से जाना जाता है। पहले इसका नाम प्रयाग ही था लेकिन मुगल बादशाह अकबर ने १५८३ ईस्वीं में इसका नाम बदलकर इलाहाबाद रख दिया था।
मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलवा कर दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन करवा दिया। योगी जब गोरखपुर के सांसद थे तब भी कहा गया कि उन्होंने कई बाजारों के नाम बदलवा कर उनके हिन्दू नाम करवा दिए थे। योगी इस पर तर्क देते रहे हैं कि हम पुराना गौरव बहाल कर रहे हैं। अब कुंभ से पहले इलाहाबाद का नाम प्रयाग राज करने के पीछे भी यही तर्क दिया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश का मंत्रिमंडल जल्द ही कैबिनेट बैठक कर इस मुद्दे पर फैसला ले सकता है।
संदर्भ : पंजाब केसरी, वन इंडिया