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किमती वस्तुओं की लूट !
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गृहमंत्री के ओर से कोई कार्रवाई नहीं !
- बांग्लादेश में हिन्दुओं के लिए कार्य करनेवालों पर ऐसे आक्रमण हो रहे हैं, ऐसे में भारत की एवं विश्व के मानवाधिकार संगठन कहां हैं ?
- केंद्र की भाजपा सरकार को अधिवक्ता श्री. घोष की सुरक्षा के लिए प्रयास करने चाहिए !
- कहां भारत के प्रधानमंत्री ‘मैं अल्पसंख्यकों के लिए मध्यरात्रि में भी सहायता के लिए तत्पर रहूंगा’, ऐसा कहते हैं, तो कहां बांग्लादेश के गृहमंत्री अल्पसंख्यकों को बाहर निकाल देते हैं !
ढाका : बांग्लादेश में हिन्दुओं के अधिकारों के लिए लडनेवाले ‘बांग्लादेश माईनॉरिटी वॉच’ के अध्यक्ष अधिवक्ता श्री. रवींद्र घोष के घर पर २३ मई की रात ८.३० बजे फिर एक बार आक्रमण किया गया ! इस आक्रमण में उनके घर में स्थित मूल्यवान वस्तुओं की लूट की गईं। इस आक्रमण के संदर्भ में बांग्लादेश के गृहमंत्री को सूचित किए जानेपर उन्होंने आरोपियों के विरोध में कार्रवाई करना टाल दिया ! इसके पहले २४ अप्रैल २०१८ के रात १.३० बजे भी आक्रमण किया गया था। बांग्लादेश में मानवाधिकार का कार्य करने से अधिवक्ता श्री. घोष को रोकने के लिए इस प्रकार का षड्यंत्र रचा जा रहा है !
ढाका के पार्षद हाजी महंमद नूल अलामद्वारा अधिवक्ता श्री. रवींद्र घोष के विरोध में पैसों की अफरातफरी का आरोप लगाकर अवैध रूप से आपराध प्रविष्ट किया गया है !
१. अधिवक्ता श्री. घोष ने बांग्लादेश के गृहमंत्री असदुझ्झमन खान कमल से ढाका के उनके आवास में भेंट कर आरोपियों के विरोध में कार्रवाई की मांग की; परंतु गृहमंत्री ने उनकी इस मांग की उपेक्षा कर उल्टे अधिवक्ता श्री. घोष के विरोध में ही आरोप लगाए !
२. गृहमंत्री ने अधिवक्ता श्री. घोष के विरोध में आरोप लगाते हुए कहा कि आप देश की एकता को हानि पहुंचा रहे हैं। आप देश को संकट में डाल रहे हैं। गृहमंत्रीद्वारा ऐसे आरोप लगाए जाने से अधिवक्ता श्री. घोष को बड़ा धक्का लगा !
३. इस आक्रमण के संदर्भ में अधिवक्ता श्री. घोष ने कहा, ‘‘अब बांग्लादेश में रहना मुझे असुरक्षित लग रहा है। यहां मेरे प्राण भी संकट में हैं। बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए अब जागरूक नागरिकों को भी आगे आना चाहिए !’’
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात