यवतमाळ में ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ !
यवतमाळ (महाराष्ट्र) : देवता हमारे लिए सर्वश्रेष्ठ हैं; परंतु भारत के साथ विदेशों में भी बडी मात्रा में देवताओं का अनादर किया जा रहा है। उसके लिए कठोर कानून बनाई जानी चाहिए एवं इसलिए हम कानून में परिवर्तन लाने का प्रयास करेंगे। शिवसेना सांसद श्रीमती भावनाताई गवळी ने ऐसा आश्वासन दिया। हिन्दू जनजागृति समितिप्रणित राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन में वे ऐसा बोल रही थीं।
‘अश्लील संकेतस्थलों पर प्रतिबंध लगाया जाए’, ‘नाटक, चलचित्र एवं विज्ञापनोंद्वारा हिन्दुओं की देवताएं एवं संतों का अनादर रोकने के लिए कठोर कानून बनाया जाए’, इन मांगों को लेकर यवतमाळ के दत्त चौक पर २५ मई को राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन किया गया।
इस आंदोलन में शिवसेना के साथ हिन्दू महासभा, योग वेदांत समिति, महिला उत्थान मंडल, सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के ५० से भी अधिक कार्यकर्ता उपस्थित थे। इस अवसर पर चलाए गए हस्ताक्षर अभियान में ३०० से भी अधिक धर्मप्रेमियों ने अपने हस्ताक्षर कर इस आंदोलन का समर्थन किया। गुप्तचर शाखा के अधिकारियों ने इस आंदोलन का चित्रीकरण किया। (पुलिस प्रशासन अपना यही समय एवं शक्ति का उपयोग यदि आतंकवादियों को खोजने के लिए करता, तो अधिक अच्छा होता ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
हिन्दुओं की समस्याओंपर लोकसभा में मेरी आवाज बुलंद होगी ! – सांसद श्रीमती भावनाताई गवळी
इस अवसर पर सांसद श्रीमती भावनाताई ने कहा, ‘‘महिला एवं लडकियों के साथ हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए केवल कठोर कानून का उपयोग नहीं होता, तो उसके लिए हमें समाज की मानसिकता में भी परिवर्तन लाना पडेगा ! सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति समाज को संस्कारित करने के लिए कार्य कर रहे हैं। इसके लिए मैं उनका अभिनंदन करती हूं ! जब-जब सनातन संस्था को आवश्यकता लगेगी, तब शिवसेना उसके साथ खडी रहेगी। जब-जब हिन्दुओं के सामने कोई समस्या आएगी, तब लोकसभा में मैं अपना आवाज बुलंद करूंगी। हमारा इस आंदोलन को संपूर्ण समर्थन है !’’
क्षणिका : महिला उत्थान मंडल की महिलाओं ने स्वाक्षरी अभियान में सहभागी होने के लिए मार्ग से आने-जानेवाले नागरिकों का उद्बोधन किया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात