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कोल्हापुर : श्री महालक्ष्मी मंदिर भ्रष्टाचार प्रकरण ४ वर्ष प्रलंबित रखनेवाले शासन का पुजारी नियुक्त करने में अनावश्यक हस्तक्षेप – हिन्दू जनजागृति समिति

कोल्हापुर के श्री महालक्ष्मी मंदिर में सरकारी पुजारी नियुक्त करने के संदर्भ में . . .

कोल्हापुर : हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट ने एक प्रसिद्धीपत्रकद्वारा यह मांग की है कि, ‘यहां का श्री महालक्ष्मी मंदिर श्रद्धालुओं का श्रद्धास्थान है। यहां प्रतिवर्ष लक्षावधी श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। यह मंदिर महाराष्ट्र शासन के ‘पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति’ के अधिकार में है। अभाग्य से पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति अनियमितता की खाई में डूब चुकी है ! समिति के अनुचित कार्य एवं भ्रष्टाचार के विरोध में श्री महालक्ष्मी देवस्थान भ्रष्टाचारविरोधी कृती समिति, हिन्दू जनजागृति समिति, हिन्दू विधीज्ञ परिषद एवं अन्य हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन गत ४ वर्षों से विरोध कर रही हैं ! इस विरोध के कारण इस मामले की जांच करने हेतु राज्य अपराध अन्वेषण शाखा का (सीआयडी का ) एक विशेष पथक नियुक्त किया गया है; किंतु ३ वर्षों के पश्चात भी इस संदर्भ में अपराधियों पर अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है !

इस भ्रष्टाचार के संदर्भ में कोई भी भूमिका प्रस्तुत न करनेवाले शासन ने शीघ्रता से २०१८ को मंदिर में वेतन पर पुजारी नियुक्त करने का निर्णय अपनाया है ! समाचारपत्रिका में यह समाचार प्रकाशित किया गया है कि, ‘अब इन पुजारियों की नियुक्ति ४ जुलाई से पहले की जाएगी !’

मंदिरें हिन्दू धर्म की आधारशीला है। यहां होनेवाले विधी अथवा पूजाअर्चा धर्मशास्त्र सम्मत ही होना आवश्यक है। किसी भी क्षेत्र के निर्णय के संदर्भ में उस क्षेत्र के तज्ञों का मार्गदर्शन प्राप्त किया जाता है। उसी प्रकार हिन्दू धर्म की अधिकारी व्यक्ति अर्थात शंकराचार्य, धर्माचार्य, काशी विद्वत्पीठ आदि का मार्गदर्शन प्राप्त कर पुजारी नियुक्त करने का निर्णय शासन ने अपनाना चाहिए !

‘पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति’ का अपप्रकार एवं भ्रष्टाचार दूर करने के लिए शासन की ओर से दिरंगाई !

इस प्रसिद्धीपत्रक में आगे ऐसा कहा गया है कि, ‘‘पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति’ ने मंदिर का प्राचीन ‘मनकर्णिका कुंड’ नामक पवित्र तीर्थ बंद कर वहां शौचालय का निर्माणकार्य करने का दुष्कर्म किया है। अनेक बार ज्ञापनें प्रस्तुत करने के पश्चात एवं आंदोलनें करने के पश्चात भी इस संदर्भ में शासन ने कोई भी कृती न करने के कारण अंत में शिवसेना विधायक श्री. राजेश क्षीरसागर के नेतृत्व में शिवसैनिकों ने उसे तोड दिया। यह कुंड एवं काशीकुंड श्रद्धालुओं के लिए खुला रखना, साथ ही मंदिर के अनुचित कार्य के विरोध में कार्रवाई करने में दिरंगाई क्यों की जा रही है ? दूसरी ओर आर्थिक लाभ प्राप्त हो, इसलिए ‘पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिती’ से श्री महालक्ष्मी मंदिर अलग करने का षडयंत्र रचाया जा रहा है ! इन विषयों से श्रद्धालुओं का ध्यान अन्यत्र विचलित करने के लिए शासन ने पुजारी नियुक्त करने का निर्णय लिया है। वास्तविक धार्मिक परंपरांओं का जतन करना, यह शासन का ही कर्तव्य है !’

अतः हिन्दू जनजागृति समिति ने इस पत्रकद्वारा यह चेतावनी दी है कि, ‘‘पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिती’ में घटनेवाले अपप्रकार, भ्रष्टाचार दूर करने हेतु शासन शीघ्रगति से कृती करें एवं हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं का आदर रखते हुए सभी निर्णय अपनाएं, अन्यथा तीव्र आंदोलन किया जाएगा !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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