मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष दशमी, कलियुग वर्ष ५११६
- ५ हिन्दुओंपर परिवाद प्रविष्ट !
- हिन्दुओंके असंगठित एवं असहिष्णु मानसिकताका ही यह परिणाम है ! आजतकके राजनेताओंद्वारा धर्माधोंकी चापलूसीके कारण ही वे इस प्रकारसे उद्दंड होकर हिन्दुओंके मन्दिर तोडना आरम्भ कर रहे हैं ! क्या पुलिसद्वारा मस्जिद अथवा चर्चपर कभी ऐसी कार्यवाही की गई है ?
पुणे (महाराष्ट्र) – धर्मांधोंने स्थानीय पुलिसकी सहायतासे यहांके भवानी पेठमें स्थित श्री दत्तका मन्दिर तोडा; परंतु इस प्रकरणमें ५ हिन्दुओंपर परिवाद प्रविष्ट किए गए हैं । (हिन्दुओे, आपकी ओर वक्र दृष्टिसे देखनेका साहस न हो, ऐसी प्रतिष्ठा प्राप्त करें ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात )
१. यहांके चारनाल दवाखाना चौक, पुरातन भवानीमाता मन्दिरके पीछेकी ओर एक औदुम्बरके वृक्षके नीचे यहांके जिज्ञासा तरुण मण्डलके कार्यकर्ताओंने १३ नवम्बरको सायं समयमें मन्दिरकी स्थापना एवं श्री दत्तगुरूकी मूर्तिकी प्राणप्रतिष्ठा की थी ।
यह मुसलमान बहुसंख्यक क्षेत्र है तथा मन्दिरके सामनेकी ओर गलीमें एक मदरसा भी है । मन्दिर स्थापित करने हेतु स्थानीय हिन्दुओंने विशेष रूपसे छोटे बच्चोंने चन्दा जमा कर ७ सहस्र रुपए व्यय किए थे । मन्दिरकी स्थापनाके कार्यका दायित्व स्थानीय हिन्दुनिष्ठ सर्वश्री अमोल नचान, विकी गायकवाड, रवि शिंदे एवं नाथाभाऊ क्षीरसागरने लिया था । (हिन्दुओ, केवल मन्दिरोंका निर्माण कार्य करनेकी अपेक्षा नियोजन भी करें ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात )
२. धर्मान्धोंको मन्दिरकी स्थापनाके विषयमें ज्ञात होते ही १४ नवम्बरको सवेरे ७ बजेसे ही भवानीपेठकी सभी माqस्जदें, मदरसे एवं दर्गाके मौलवी मन्दिरके स्थानपर वे एकत्रित हुए । कुछ घन्टोंमें वहां आए ५०० से अधिक धर्मांधोने उस मन्दिरको तोडने हेतु हिन्दुओंपर दबावतन्त्रका उपयोग किया । ‘आप यह मन्दिर त्वरित हटाए, अन्यथा यह प्रकरण आपको बहुत महंगा पडेगा । ये मन्दिर अभी छोटा है, पश्चात आप उसे बडा बनाएंगे एवं इससे झगडा आरम्भ होगा,’ ऐसी धमकियां हिन्दुओंकी दी जा रही थीं । (हिन्दुओंके मन्दिरके सन्दर्भमें ऐसी धमकियां देनेको क्या यह भारत है अथवा पाकिस्तान ? – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात )
३. तनाव उत्पन्न होनेसे पुलिस त्वरित घटनास्थलपर आई एवं उपस्थित हिन्दुओंको विचार-विमर्श करनेके बहाने पुलिस थाने ले गई ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात