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धर्मांध अब ‘होटल जिहाद’के माध्यम से सक्रीय ! – अधिवक्ता श्री. नीरज जैन

हिन्दू विधिज्ञ परिषद आयोजित राष्ट्रीय ‘अधिवक्ता अधिवेशन’

अधिवक्ता श्री. नीरज जैन

गोवा (विद्याधिराज सभागृह) : यहां श्री रामनाथ देवस्थान के श्री विद्याधिराज सभागृह में आयोजित दो दिवसीय ‘राष्ट्रीय अधिवक्ता अधिवेशन’ के प्रथम दिवस के द्वितीय  सत्र में उपस्थित अधिवक्ताआें को संबोधित करते हुए अधिवक्ता श्री. नीरज जैन कहां कि, लव जिहाद, लैंड जिहाद के साथ ही अब ‘होटल जिहाद’ भी दिखाई दे रहा है ! ‘होटल जिहाद’ अर्थात धर्मांधोंद्वारा हिन्दुओं के नाम देकर उपाहारगृह चलाना !

महामार्ग के किनारे हिन्दुओं के देवी-देवताओं के नाम पर अनेक उपाहारगृह होते हैं । उदा. ‘शिवकृपा होटल’, ‘श्रीकृष्ण होटल’, ‘मारुतिनंदन होटल’ आदि । वास्तव में इन सभी उपाहारगृह के मालिक धर्मांध ही होते हैं । उपाहारगृह को हिन्दुओं के देवी-देवताओं का नाम दिया जाता है; परंतु अंदर देवी-देवता की प्रतिमा कहीं भी नहीं होती !

किसी पुल के एक ओर निर्माण की हुईं मस्जिदें धर्मांधोंद्वारा युद्ध की तैयारी है !

इन कुछ वर्षों में रेल्वे स्थानक के निकट अथवा किसी भी पुल के निकट मस्जिद अथवा मदरसे अचानक पाए जाते हैं, यह कोई संजोग नहीं, अपितु जानबूझकर की हुई कृति है ! ‘जब भविष्य में युद्धजन्य स्थिति निर्माण होगी, तब यातायात की अंतर्गत व्यवस्था नष्ट करना’, यही इसके पीछे का उद्देश्य है !

धर्मरक्षा के लिए १५१ टाके पडने के उपरांत भी अखंड कार्यरत हैं अधिवक्ता श्री. नीरज जैन !

बजरंग दल के भूतपूर्व पदाधिकारी, अभाविप के गुजरात भूतपूर्व महामंत्री और वर्ष २००२ में कारसेवकों को जलाकर मार डालने के उपरांत हुए दंगों में ७ से ८ सहस्र हिन्दुओं को जमानत दिलवानेवाले और यह सभी अभियोग नि:शुल्क लडनेवाले प्रखर धर्माभिमानी अधिवक्ता श्री. नीरज जैन ने अपने अनुभव बताए । विशेष यह कि, श्री. जैन के हिन्दुत्व के कार्य के कारण एक आतंकवादी संगठन के आतंकवादियों ने श्री. जैन पर गोलियां चलाईं, तब उन्हें १५१ टाके पडे थे; परंतु उन्होंने धर्मरक्षा का कार्य यथावत जारी रखा है !

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