हिन्दू विधिज्ञ परिषद आयोजित राष्ट्रीय ‘अधिवक्ता अधिवेशन’
गोवा (विद्याधिराज सभागृह) : यहां श्री रामनाथ देवस्थान के श्री विद्याधिराज सभागृह में आयोजित दो दिवसीय ‘राष्ट्रीय अधिवक्ता अधिवेशन’ के प्रथम दिवस के द्वितीय सत्र में उपस्थित अधिवक्ताआें को संबोधित करते हुए हिन्दू विधिज्ञ परिषद के सदस्य अधिवक्ता श्री. निरंजन चौधरी ने कहां कि, जलगांव में एक ही परिवार के दो धर्मांध पुलिसकर्मियों ने एक हिन्दू युवती को बहला फुसला कर ‘लव जिहाद’ के जाल में फंसाया था ! उनके विरोध में पुलिस शिकायत नहीं लिख रही थी । इसलिए कुछ कार्यकर्ताओं के साथ हमने पुलिस आयुक्त से शिकायत की; परंतु १९ दिन बाद भी उन दोनों धर्मांध पुलिसकर्मियों के विरोध में अपराध प्रविष्ट नहीं किया गया था । आगे जब अपराध प्रविष्ट किया गया, उस समय मूल शिकायत में हेरफेर किया गया । इस आधार पर उन धर्मांध पुलिसकर्मियों ने न्यायालय से अग्रिम जमानत ले ली !
आगे इस प्रकरण के विरोध में हिन्दू विधिज्ञ परिषद के अध्यक्ष अधिवक्ता श्री. वीरेंद्र इचलकरंजीकर के सुझाव के अनुसार इस विषय पर पत्रकार परिषद ली । तदुपरांत हमने न्यायालय में अग्रिम जमानत के विरोध में युक्तिवाद किया और उसमें शिकायतकर्ता की मूल शिकायत और पुलिसद्वारा हेरफेर की गई शिकायत में किया गया भेद दर्शाया ! इस कारण न्यायालय ने उन २ धर्मांध पुलिसकर्मियों की अग्रिम जमानत निरस्त की और उन्हें ढाई मास कारावास में रहना पडा !
दिसंबर २०१७ में जलगांव में दंगे हुए थे । इस प्रकरण में भी हमने हिन्दू कार्यकर्ताओं की सहायता की । इन दोनों प्रकरणों में मिली सफलता हिन्दू विधिज्ञ परिषद के कारण ही मिल सकी !
मुझ से निरंतर धर्मकार्य हो ! – अधिवक्ता श्री. निरंजन चौधरी
आज मेरे पास ७० प्रतिशत अभियोग धर्म से संबंधित हैं ! इसलिए भगवान श्रीकृष्ण के चरणों में प्रार्थना है, ‘धन के मोह में पडे बिना, मुझ से निरंतर धर्मकार्य हो !’
अधिवक्ता श्री. निरंजन चौधरी का परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के प्रति भाव
गत वर्ष मुझे परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के दर्शन हुए ! तदुपरांत मेरी ‘बैटरी’ पूर्ण भारित हो गई और उस कारण ही मैं आज तक धर्मकार्य सेवा के रूप में प्रभावीरूप से कर सका !