हिन्दू विधिज्ञ परिषद आयोजित राष्ट्रीय ‘अधिवक्ता अधिवेशन’
अधिवक्ता अधिवेशन के समापन सत्र में राष्ट्र एवं धर्म रक्षणार्थ अधिवक्ताआें ने व्यक्तिगत स्तर पर किए कार्य के विषय में अपने अनुभव बताते हुए महाराष्ट्र के नांदेड के अधिवक्ता श्री. जगदीश हाके ने कहां कि, नांदेड जिलें में एक धर्मांध ने लव जिहाद के अंतर्गत हिन्दू युवती के साथ विवाह किया। उसके पश्चात उसने उस युवती पर अत्याचार करना प्रारंभ किया। आगे उस धर्मांध का पिता, भाई इन सभी ने मिलकर उस युवती पर अत्याचार किए। अंततः उस युवती ने अपने पिता के घर लौटने का निर्णय लिया। घर लौटने पर उसने पुलिस थाने में इन तीनों धर्मांधों के विरोध में परिवाद प्रविष्ट किया। उसके पश्चात न्यायालयीन प्रक्रिया आरंभ हुई। इस समय कुछ धर्मांध अधिवक्ताओं ने उस युवती को बहला-फुसलाकर उसका मनोबल तोडने का प्रयास किया; परंतु हमने इस प्रयास को विफल किया !
आगे हिन्दू अधिवक्ताओं के सहयोग से इन तीनों आरोपियों को ७ वर्ष का दंड सुनाया गया !
प्रचार सभा में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ की नारेबाजी करनेवाले धर्मांधों के विरोध में अपराध प्रविष्ट करना – अधिवक्ता श्री. प्रवीण करोशी
बेलगाम, कर्नाटक के अधिवक्ता श्री. प्रवीण करोशी ने पुलिसकर्मियों के अज्ञान के संदर्भ में अपना एक अनुभव बताया। ‘‘हाल ही में संपन्न कर्नाटक विधानसभा चुनावों के प्रचार के समय, बेलगाम के एक धर्मांध विधायक की प्रचारफेरी में कुछ धर्मांधोंद्वारा ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ की नारेबाजी की गई। समाज के लोगों को संगठित कर इसके विरोध में हम पुलिस थाने में गए । वहां पर कार्यरत पुलिसकर्मियों को इस संदर्भ में किस आपराधिक धारा के अंतर्गत अपराध प्रविष्ट किया जाता है, यह भी ज्ञात नहीं था !
अंततः हमने उन्हें इसकी जानकारी दी और तब उन देशद्रोही धर्मांधों के विरोध में अपराध प्रविष्ट किये गये !’’