हिन्दू विधिज्ञ परिषद आयोजित राष्ट्रीय ‘अधिवक्ता अधिवेशन’ का द्वितीय दिवस
यहां हो रहे राष्ट्रीय ‘अधिवक्ता अधिवेशन’ में भोपाल के श्री. भरत तोमर ने कहा कि, धर्मांध पहले २० से २२ वर्ष के आयुवर्ग की हिन्दू युवतियों को अपने जाल में फंसाते थे। उसके पश्चात उन्होंने १८ से २०, १६ से १८ अब उन्होंने १४ से १८ वर्ष आयुवर्ग की हिन्दू लडकियों को अपने जाल में फंसाना आरंभ कर दिया है !
धर्मांधों का यह मानना है कि ‘१४ से १८ वर्ष आयुवर्ग युवतियों को अपने जाल में फंसाना अधिक सरल होता है ! हमारे पास लव जिहाद के अनेक प्रकरण आते हैं। अब तक हम उनमें से १५० से भी अधिक युवतियों को बचा पाए हैं ! अब हम समविचारी हिन्दुत्वनिष्ठ अधिवक्ताओं को संगठित कर, हिन्दुओं के साथ हो रहे अन्याय के विरोध में आवाज उठाने का प्रयास कर रहे हैं !