लंदन : ब्रिटेन का कितनी तेजी से इस्लामीकरण हो रहा है, इसका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं । आप इसे इसी तथ्य से समझ सकते हैं कि लंदन में ही ५०० से ज्यादा चर्च बंद हो गए हैं, परंतु यहां ४२३ से ज्यादा मस्जिदें बन गई हैं । इतना ही नहीं, सैकडों वर्ष पुराने गिरजाघरों में मस्जिदें और सरकारी शरिया न्यायालये खुल गई हैं ।
लंदन को लंदनिस्तान बताने वाले इस्लामी प्रचारक मौलाना सैयद रजा रिजवी का कहना है कि बहुत सारे इस्लामी देशों की राजधानियों की तुलना में लंदन अधिक इस्लामी हो गया है । लंदन में रहने वाले साहित्य का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले वोल सोयिंका का कहना है कि ‘ब्रिटेन अब इस्लामवादियों की गंदगी का गड्डा बन गया है । हालांकि यह बात की कही जाती है कि ब्रिटेन के बहुसांस्कृतिकवाद ने इस्लामी आतंकवाद को बढा दिया है ।’
परंतु, पाकिस्तान में पैदा हुए और एक ट्रक ड्राइवर के बेटे लंदन के मेयर सादिक खान का कहना है कि लंदन के बहुसांस्कृतिकवाद में आतंकवाद पनप नहीं सकता है, परंतु लंदन में खुली ४२३ नई मस्जिदें और विगत में कई स्थानों पर हुए आतंकवादी हमले यह बताने के लिए काफी हैं कि इस्लाम ने लंदन और ब्रिटेन में गहरी जडे जमा ली हैं । एक जमाने में लंदन के जो नामी और प्रतिष्ठित चर्च थे, वे अब मस्जिदों में बदल गए हैं ।
इन चर्चों को विदेशों से आकर बसे संपन्न मुस्लिम खरीद रहे हैं और ब्रिटेन में इस्लाम को कबूलने वालों की संख्या दोगुनी हो गई है । इस्लाम को मानने वाले ये लोग आतंकवादी भी बन जाते हैं जैसा कि आतंकवादी खालिद मसूद के मामले में हुआ जिसने ब्रिटेन के सबसे प्रतिष्ठित चर्च वेस्टमिंस्टर एबी पर हमला किया था । सेंट पीटर चर्च अब मदीना मस्जिद बन गई है ।
साज जॉर्जियो के चर्च में १२३० लोगों के बैठने का इंतजाम है, परंतु संडे मास के लिए यहां केवल १२ लोग इकट्ठा हुए । इसी तरह से सांता मारिया के चर्च में संडे मास के दौरान केवल २० लोग ही शामिल हुए । जबकि ब्रून स्ट्रीट एस्टेट की मस्जिद में सौ लोगों के नमाज पढने की जगह है परंतु यहां शुक्रवार को लोग सडकों पर आकर नमाज पढते हैं । ब्रिटेन में ईसाइयत समाप्त हो रही है और इस्लाम यहां का धर्म बनता जा रहा है ।
ब्रिटिश यूनिवर्सिटीज में इस्लाम की उच्चतर पढाई होने लगी है और ब्रिटेन के प्रसिद्ध लोग वकालत करने लगे हैं कि कानून में शरिया कानून को भी शामिल किया जाए । उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन के सउदी अरब में राजदूत साइमन कोलीज खुद इस्लाम को मानने लगे हैं और बाद में उन्होंने हज भी किया । और वे अपने को अब हाजी कॉलीज कहते हैं ।
स्त्रोत : वेब दुनिया