जातिव्यवस्था एवं संप्रदाय के माध्यम से धर्म एवं संस्कृति रक्षण के संदर्भ में सत्र
हर व्यक्ति किसी न किसी जाति, राज्य एवं प्रादेशिक भाषा का घटक होता है । राजनेता उसी के आधार पर हिन्दुओं को विभाजित करने का प्रयास कर रहे हैं । अतः आनेवाले समय में भाषावाद, प्रांतवाद, जातिवाद एवं राजनीतिक समूहवाद से अलग होकर ‘मैं केवल एक हिन्दू हूं’, इसे ही प्रधानता देकर इस दिशा में कार्य करने का निश्चय ‘जातिव्यवस्था एवं संप्रदाय के माध्यम से धर्म एवं संस्कृति रक्षण’ इस सत्र में किया गया ।
१. हिन्दू राष्ट्र स्थापना कार्य में हमारा संगठन हिन्दू जनजागृति समिति से कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करेगा ! – श्री. राजेंद्रनाथ त्रिपाठी
ब्राह्मण हिन्दुत्व का प्राण है ! धर्म की रक्षा करनेवाले ब्राह्मणों पर ही आज आघात किए जा रहे हैं एवं उसके कारण ही हिन्दुत्व संकट में है ! हिन्दुत्व के संकट में होने से आज देश ही संकट में है । केंद्र एवं अनेक राज्यों में हिन्दू विचारधारावाली सरकारें होते हुए भी नई मस्जिद के निर्माण के लिए अनुमति नहीं लेनी पडती; किंतु सैकडों वर्ष पुराने मंदिर को तुरंत तोड दिया जाता हैं ! स्वातंत्र्य के पश्चात आरक्षण के कारण भी देश को बडी हानि पहुंची है । हमारा संगठन ‘वसुधैव कुटुम्बकम् ।’ यह लक्ष्य सामने रखकर कार्य करता है । हिन्दू राष्ट्र स्थापना कार्य में, हमारा संगठन हिन्दू जनजागृति समिति से कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करेगा !
२. मंदिरों में पूजा-अर्चना के संदर्भ में निर्णय करनेवाली सरकार क्या कभी मस्जिदों एवं चर्च के कार्य में हस्तक्षेप करती है ? – श्री. उदय महा
ब्राह्मण समाज हिन्दू धर्म का रक्षक है, इसलिए सरकार की ओर से ब्राह्मण समाज के दमन का षड्यंत्र किया जा रहा है ! महाराष्ट्र के साढेतीन शक्तिपीठों में से कोल्हापुर के श्री महालक्ष्मी मंदिर में केवल ब्राह्मण पुजारियों को ही पूजा का अधिकार है; परंतु पिछले डेढ वर्षों से इन पुजारियों के अधिकारों को छीनने का षड्यंत्र कर, उनके अधिकार छीन लिए गए हैं ! हिन्दू मंदिरों में पूजा-अर्चना के संबंध में निर्णय करनेवाली सरकारें, क्या कभी किस मस्जिद में कौन मौलवी अथवा किस चर्च में कौन पादरी काम करेगा, इसका निर्धारण करती हैं ?
वे ‘संप्रदाय के माध्यम से धर्म एवं संस्कृति रक्षण’ इस सत्र में बोल रहे थे ।
३. हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए प्रभु श्रीराम का आदर्श सामने रखकर कार्य करना पडेगा ! – श्री. श्रवणसिंह गोजावत, हिन्दुत्व अभियान, अखिल भारतीय संगठक, देवास, मध्य प्रदेश
जातिवाद के नाम पर हिन्दू धर्म में जहर मिलाया जा रहा है ! भाषावाद, प्रांतवाद, जातिवाद, राजनीतिक समूहवाद से अलग होकर ‘मैं केवल एक हिन्दू हूं’, ऐसा बताकर अब हिन्दुओं को संगठित करना पडेगा ! ईसाई मिशनरी निर्धन लोगों को आर्थिक एवं अन्य लाभों का लालच दिखाकर उनका धर्मांतर करते हैं । इसलिए हम विशेष रूप से आदिवासी लोगों में जाकर कार्य करते हैं । उनसे निकटता कर उन्हें आधार देने का काम करते हैं । प्रभु श्रीराम ने लोगों के बीच जाकर कार्य किया । अतः हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए प्रभु श्रीराम का आदर्श सामने रखकर कार्य करना होगा !
‘हिन्दुत्व अभियान के माध्यम से आदिवासी-जनजाति समुदाय का संगठन करते समय प्राप्त अनुभवों का कथन’ इस विषय पर वे बोल रहे थे ।
४. भटकी विमुक्त जनजाति के हिन्दुओं को स्वावलंबी बनाने के लिए उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाया ! – अधिवक्ता श्री. अक्षय गोसावी, महाराष्ट्र संयोजक, हिन्दुत्व अभियान
भटकी विमुक्त जनजाति के हिन्दू अपने पैरों पर खडे हो सकें, इसलिए ‘विश्वकर्मा इंडस्ट्रियल इन्स्टिट्यूट’ नामक कपडा उद्योग प्रतिष्ठान की स्थापना कर, इसके माध्यम से उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाया । इससे अब उन्हें रोजगार उपलब्ध हो रहा है और वे स्वयंपूर्ण बन रहे हैं । इसके कारण ईसाई मिशनरी इन लोगों को जो आर्थिक लालच दिखाकर उनके धर्मांतर करते हैं, उसे कुछ मात्रा में रोक लगेगी !
५. भारतीय संस्कृति टिकी रहे; इसके लिए धर्मनिष्ठ शिक्षा देकर गुरुकुलों को संरक्षण देना होगा ! – श्री. देवकरण शर्मा
विगत सहस्रो वर्षों में भारत पर किए गए आक्रमण में तक्षशिला एवं नालंदा विश्वविद्यालयों को नष्ट किया गया । भारतीय संस्कृति को समाप्त करने के लिए गुरुकुलों को नष्ट करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है ! अंग्रेजों के कार्यकाल में तो गुरुकुलों को कालबाह्य प्रमाणित करने का प्रयास किया गया । वैदिक संस्कृतिद्वारा निर्देशित मानवीय मूल्यों को त्यागने से हमारा पतन हुआ । सरकारद्वारा भी गुरुकुलों की उपेक्षा की जा रही है; इसलिए अब समाज को ही उसके लिए योगदान देने की आवश्यकता है ! हिन्दू संस्कृति एवं धर्म को बचाने के लिए हमें बच्चों को धर्मनिष्ठ शिक्षा देनी होगी । पाठ्यक्रम में उसका समावेश करना होगा । वैदिक शिक्षा देनेवाले गुरुकुलों को संरक्षण देने की एवं गुरुकुलों के संगठन की आवश्यकता है ! श्री. देवकरण शर्मा ने ऐसा आवाहन किया ।
वे ‘उच्च हिन्दू केंद्र बनाने के लिए गुरुकुलों के संगठन की आवश्यकता’, इस विषय पर बोल रहे थे ।
६. हिन्दू राष्ट्र की स्थापना से ही सभी समस्याओं का समाधान होगा ! – श्री. बिघ्नेश्वर दास
रामनाथी आश्रम में दैवी शक्तिद्वारा कार्य हो रहा है ऐसा प्रतीत हुआ ! पहले ‘राजनीतिक सत्ता के माध्यम से स्थिति में परिवर्तन आएगा’, ऐसा लगता था; परंतु अब ऐसा लगता है कि केवल हिन्दू राष्ट्र स्थापना से ही सभी समस्याओं का समाधान निकलेगा !