मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष एकादशी, कलियुग वर्ष ५११६
विश्व हिन्दू परिषद(वीएचपी) इन दिनों राम बारात की जमकर तैयारी कर रही है। इस बीच वीएचपी के वरिष्ठ नेता अशोक सिंघल ने कहा है कि नरेंद्र मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो खुद की हिन्दूवादी छवि होने से डरते नहीं हैं।
सिंघल ने कहा कि मोदी से पहले के प्रधानमंत्री खुद की हिन्दू छवि के सामने आने से शर्माते थे। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद यह सही वक्त है जब अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए कोशिश की जाए।
सिंघल ने कहा कि मुस्लिमों को अयोध्या में राम मंदिर में अड़चन नहीं लानी चाहिए और अयोध्या, काशी और मथुरा में मंदिरों के निर्माण के लिए अपनी सहमति दे देनी चाहिए।
सिंघल ने कहा कि हमने मंदिर के निर्माण के लिए करीब ४५० साल इंतजार किया। गौरतलब है कि राम बारात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। मोदी जनकपुर में २५ नवंबर को होने वाले तिलकोत्सव में शामिल होंगे। इस मौके पर वीएचपी मोदी से अयोध्या, काशी और मथुरा में मंदिर बनाने की मांग को दोहराएगी। मोदी २५ नवंबर को होने वाले तिलकोत्सव में शामिल होंगे।
स्त्रोत : आजतक