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बप्तिस्मा कराने झील क‍िनारे थे पादरी, मगरमच्‍छ ने बना ल‍िया न‍िवाला

इथियोपिया : पादरी को निवाला बनाने के बाद मगरमच्छ वहां से भाग निकला था। बताया गया कि, जिस मगरमच्छ ने पादरी का शिकार किया, वह दुनिया की सबसे लंबी नदी- नील नदी में पाया जाने वाला मगर था। बडे होने पर उसकी लंबाई २० फुट तक जा सकती है। ४५ वर्षीय पादरी के साथ घटना के दौरान करीब ८० लोग मौजूद थे।

झील के किनारे एक पादरी भक्तों की भीड के साथ खड़े थे। अचानक पानी से बडा सा जीव छलांग लगाकर आया और उन पर टूट पड़ा। पादरी कुछ समझ पाते इससे पहले ही उस जीव ने उन्हें निवाला बना लिया था। असल में वह एक खूंखार मगरमच्छ था। वह इतनी फुर्ती में झील से निकला था कि आसपास खड़े भक्त भी उसके हमला भांप न सके थे।

यह घटना पूर्वी अफ्रीकी देश इथियोपिया की है। रविवार (३ जून) की सुबह ४५ वर्षीय पादरी दोशो एश्हेते तकरीबन ८० भक्तों के साथ मर्केब ताबया जिले में अबाया झील पहुंचे थे। वह यहां बप्तिस्मा (धर्म परिवर्तन) कराने आए थे। चश्मदीदों के अनुसार, पादरी एक के बाद एक भक्तों का धार्मिक शुद्धिकरण कर रहे थे, तभी झील से छलांग लगाते हुए एक बडा सा मगरमच्छ निकला था। उसने पादरी को बुरी तरह से अपने जबड़ों से जकड़ लिया था।

हालांकि, भीषण हमले के बीच कुछ मछुआरों ने अपने जाल से मगरमच्छ को काबू कर पादरी की मदद करने की कोशिश की थी। किंतु वे पादरी की जान नहीं बचा पाए। दोशो के पैरों, पीठ और हाथों में गंभीर जख्म थे, जिनके कारण मौके पर ही उन्होंने दम तोड दिया।

स्त्रोत : जनसत्ता

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