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हिन्दुआें का एक आैर प्रसिद्ध मंदिर हथियाने का राज्य सरकार का प्रयास . . .

राज्य सरकार के अधीन होगा शनि शिंगणापुर मंदिर

मुंबई : महाराष्ट्र सरकार प्रसिद्ध शनि शिंगणापुर मंदिर को अपने अधीन में लेने की तैयारी कर रही है । राज्य सरकार ने कोल्हापुर के महालक्ष्मी मंदिर की तर्ज पर शनि शिंगणापुर मंदिर के लिए भी एक विशेष कानून बनाने की घोषणा की है । इस प्रस्ताव को जल्द ही राज्य कैबिनेट के समक्ष मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा । ‘मुंबई मिरर’ से बात करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया, ‘मंदिर ट्रस्ट प्रबंधन में पारदर्शिता लाने के लिए हमने राज्य विधानसभा में कानून बनाने का वादा किया था । यह भारत में एक लोकप्रिय धार्मिक स्थल है, इसलिए यहां उस स्तर की सुविधाओं और प्रबंधन की आवश्यकता है ।’

हालांकि इस बारे में जब शनि शिंगणापुर ट्रस्ट के अनिल दारानडाले से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है । मंदिर को अधिग्रहित करने के बाद राज्य सरकार एक मुख्य अधिकारी की नियुक्ति करेगी जो प्रतिदिन के प्रशासनिक कार्यों की निगरानी करेगा । हालांकि मंदिर ट्रस्ट का अपना स्टाफ भी है परंतु राज्य सरकार अपने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा ट्रस्टियों की नियुक्ति करेगी ।

महाराष्ट्र सरकार के प्रस्ताव के अनुसार, शनि शिंगणापुर मंदिर ट्रस्ट को भी सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट तथा शिरडी साई सनातन ट्रस्ट की तरह राज्य सरकार के कानून एवं न्याय विभाग को रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी । कानून और न्याय विभाग के प्रधान सचिव एन जमाधर ने राज्य सरकार की योजना पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया । वहीं एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘मंदिर को अधिग्रहित करने के बाद, राज्य सरकार इसकी देखरेख के लिए एक कानून बनाना चाहती है । हम श्रद्धालुओं के लिए न केवल आवासीय भवन बनाएंगे, बल्कि सड़कों और दर्शन के लिए प्रतीक्षा हॉल सहित कई बुनियादी सुविधाओं का भी निर्माण करेंगे ।’

आपको बता दें कि शनि शिंगणापुर धाम शिरडी से ७० किमी. की दूरी पर स्थित है । कई श्रद्धालु जो शिरडी के दर्शन करने जाते हैं वो शिंगणापुर धाम भी जरूर जाते हैं । वर्तमान में शिंगणापुर मंदिर ट्रस्ट के पास ६० बेड वाला अस्पताल और एक गौशाला है । इसके अलावा यहां श्रद्धालुओं को २० रुपये प्रति व्यक्ति भोजन मुहैया कराया जाता है ।

ट्रस्ट पर आज तक भ्रष्टाचार का भी कोई आरोप नहीं लगा है । परंतु राज्य सरकार का कहना है कि वह बेहतर प्रबंधन के लिए इसे अपने अधीन ले रही रही है । कांग्रेस ने भी राज्य सरकार के इस कदम का स्वागत किया है । पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चौहान ने कहा, ‘यह एक अच्छा निर्णय है । मंदिर को पुजारियों और ट्रस्ट के हाथों नहीं सौंपना चाहिए । एक सेक्युलर सरकार के कर्मचारी को मंदिर का मुखिया नियुक्त करना चाहिए ।’

स्त्रोत : टाइम्स नाऊ

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