कोच्चि : केरल के कोझिकोड जिले के एक मुसलमान युवक ने केरल उच्च न्यायालय से अपनी पत्नी को उसके माता-पिता के अवैध कब्जे से मुक्त कराने का अनुरोध किया है ! युवक ने अपनी याचिका में कहा है कि, उसकी पत्नी जन्म से हिन्दू थी परंतु उसने इस्लाम स्वीकार कर लिया है । (इस्लाम स्वीकार किया है या जबरन इस्लाम स्विकारने के लिए मजबूर किया गया है ! क्योंकी आज तक जितनी भी लव जिहाद की घटनाए हुर्इ है उसमें हिन्दू युवती का जबरन धर्मांतरण करने की बात सामने आर्इ है ! – सम्पादक, हिन्दुजागृति) न्यायमूर्ति वी. चिताम्बरेश और न्यायमूर्ति के. पी. ज्योतिन्द्रनाथ की पीठ ने फैसल महमूद की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए बेंगलुरू में रहनेवाले युवती के पिता को नोटिस जारी किया है ।
महमूद ने बताया कि, वह बेंगलूरू में होटल लाइन में था । उसी दौरान उसका और युवती का प्रेम संबंध विकसित हुआ । उसने कहा, करीब दो साल के प्रेम संबंध के बाद युवती ने इस्लाम स्वीकार कर लिया और निकाह करके कोझिकोड में रहने लगी । हालांकि, युवती के पिता और रिश्तेदारों के दबाव में कोझिकोड़ पुलिस ने उनसे जबरन सादे स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर करवाया और दोनों को बेंगलुरू पुलिस को सौंप दिया ।
बाद में बेंगलुरू पुलिस ने युवती को उसके माता-पिता के साथ भेज दिया । युवक ने आरोप लगाया है कि २८ मार्च से २ अप्रैल के बीच उसे शारिरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया । युवक का आरोप है कि २९ मई को उसे धमकी भरा फोन आया । उसे अपनी पत्नी को भूलने के लिए कहा गया और ऐसा नहीं करने पर जान से मारने की धमकी दी गई । उसका कहना है कि पांच जून को उसे दोबारा ऐसी ही धमकी मिली !
स्त्रोत : इंडिया डॉट कॉम