मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष द्वादशी, कलियुग वर्ष ५११६
साल 2002 में हुए गुजरात दंगों की जांच कर रहे नानावती आयोग ने अपनी अंतिम रिपोर्ट राज्य की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को सौंप दी है।
2000 से भी ज्यादा पेज की इस रिपोर्ट के बारे में जानकारी देने से हालांकि जस्टिस नानावती ने इनकार कर दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार आयोग के सदस्य सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जीटी नानावती और रिटायर्ड हाईकोर्ट जस्टिस अक्षय मेहता ने मुख्यमंत्री के निवास पर जाकर उन्हें यह रिपोर्ट सौंपी।
2002 में हुए इस दंगे में एक हजार से भी ज्यादा लोग मारे गए थे, जिसमें अधिकतर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग थे। करीब 12 साल चली जांच के बाद जस्टिस नानावती ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है। पिछले महीने ही जस्टिस नानावती ने स्पष्ट कर दिया था कि उनकी रिपोर्ट तैयार है और 25वीं बार इसका कार्यकाल बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है।जल्द ही इसे सरकार को सौंप दिया जाएगा। इससे पहले 2008 में जांच समिति ने गोधरा कांड से जुड़े मामले में अपनी रिपोर्ट का एक हिस्सा सरकार को सौंपा था, जिसमें साबरमती एक्सप्रेस के कोच नंबर एस-6 को आग लगाने की घटना को एक सुनियोजित साजिश करार दिया गया था।
वर्ष 2008 में जस्टिस केजी शाह का निधन होने के बाद जस्टिस अक्षय मेहता को आयोग में नियुक्त किया गया। आयोग को जांच पूरी करने के लिए करीब 6-6 महीने का 24 बार विस्तार दिया गया। आयोग ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, उनके उस समय के कैबिनेट सहयोगियों, वरिष्ठ अधिकारियों और कुछ दक्षिणपंथी संगठनों के पदाधिकारियों की भूमिकाओं की जांच की।
स्त्रोत : अमर उजाला