Menu Close

सर्वधर्म सम्मेलनमें जामा मस्जिदके मौलानाके लिए पांवडे !

फाल्गुन कृष्ण १ , कलियुग वर्ष ५११४

हिंदुओ, हिंदूद्रोही साधू एवं स्वामी जहां भी मिले, उन्हें वैध मार्गसे फटकारें !

स्वामी अधोक्षजानंदका कुंभ मेलेको धर्मनिरपेक्षताका रंग देनेका ‘धंधा’ !

कुंभमेळा - २०१३

कुंभमेळा – २०१३

प्रयागराज – गुजरातके मुख्यमंत्री श्री. नरेंद्र मोदीका कुंभमेंलेमें आगमनका समाचार प्रसारित होनेपर पूरी कुंभनगरीमें उत्साहपूर्ण वातावरण बना गया था । उस समय केवल स्वामी अधोक्षजानंदने श्री. मोदीके कुंभमेलेमें आगमनका विरोध दर्शाया था । उन्हीं स्वामी अधोक्षजानंदने २३ फरवरीको हुए सर्वधर्म सम्मेलनके नामपर जामा मस्जिदके मौलाना हाफिज मुहंमद अलीमके लिए ‘हरे’ रंगका पांवडा बिछाया था । इस प्रकार, उन्होंने कुंभमेलेको ‘धर्मनिरपेक्षताका’ रंग देनेका प्रयास किया । ( ‘स्वामी’ नामपर कलंक लगानेका प्रयास करनेवाले तथाकथित स्वामी ! ऐसे मुसलमानप्रेमी स्वामी क्या हिंदुओंका हित कर पाएंगे ? ऐसे आस्तीनके सांप ही हिंदू धर्मके लिए सबसे बडे संकट हैं ! – संपादक, दैनिक ‘सनातन प्रभात’ )

सर्वधर्म सम्मेलनमें ‘धर्म एवं आतंकवाद’ विषयपर विचार-विनिमय किया गया । इस अवसरपर चार प्रस्ताव पारित किए गए, जो प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपतीको भेजे जानेवाले हैं । इस प्रस्तावमें मांग की गयी है कि आतंकवादको किसी धर्मसे न जोडनेके विषयमें राष्ट्रीय नीति निश्चित की जाए, आतंकवादके नामपर कारागृहोंमें बंद निर्दोष लोगोंको तत्काल मुक्त किया जाए एवं उन्हें क्षतिपूर्ति राशि दी जाए । सरकार एवं विद्रोहियोंमें समन्वय बनानेके लिए धर्मगुरुओंका मार्गदर्शन लेनेके संदर्भमें भी प्रस्ताव पारित किया गया । ( पूरे हिंदू धर्मको श्री. नरेंद्र मोदी तारक प्रतीत होते हैं । ऐसी स्थितिमें स्वामी अधोक्षजानंदका उनका विरोध करना एक प्रकारसे हिंदुत्वका विरोध है । अर्थात, हिंदू हितके विरोधमें कश्मीरके हुरियत नेताओंके साथ बैठनेवाले स्वामी अधोक्षजानंदके सर्वधर्म सम्मेलनका उद्देश्य क्या था एवं उसमें पारित प्रस्ताव किसके हितमें है, यह बात हिंदू भलीभांति जानते हैं । – संपादक ) इस सम्मेलनमें स्वामी विवेकानंद, श्रीगुरु सिंह सभाके सरदार जोगिंदर सिंह, सरदार प्रीतम सिंह, डॉ. मुहंमद कलीम आदि उपस्थित थे । अंतमें, भाग्यनगरके दंगोंमें मृत लोगोंकी आत्माकी शांतिके लिए प्रार्थना की गई ।

स्त्रोत  : दैनिक सनातन प्रभात

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *