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तारा शाहदेव प्रताडना मामला : उच्च न्यायालय के पूर्व रजिस्ट्रार मुश्ताक, रकीबुल और उसकी मां पर आरोप तय

तारा शाहदेव के धर्म परिवर्तन कराने और प्रताडित करने के मामले में सीबीआई न्यायालय ने सोमवार को निलंबित न्यायिक अधिकारी मुश्ताक अहमद, रकीबुल उर्फ रंजीत सिंह कोहली और कौशल रानी के विरोध में आरोप गठन कर दिया गया । सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके पांडेय की न्यायालय ने सभी के विरोध में आरोप गठन किया । तारा शाहदेव के साथ बलात्कार करने के साथ भादवि की अन्य धाराओं के तहत आरोप तय किया गया । आरोप गठन के समय रकीबुल उसकी मां कौशल और न्यायिक अधिकारी मुश्ताक अहमद को न्यायालय में उपस्थित थे ।

सुनवाई के दौरान न्यायालय ने आरोपियों के समक्ष तय किए गए आरोप पढकर सुनाया कि, आपके ऊपर बलात्कार, आपराधिक षडयंत्र रचने, दूसरे महिला के साथ संबंध बनाने, छेडछाड करने, गाली-गलौज करने, मारपीट करने, धार्मिक भावना पर चोट पहुंचाने का आरोप तय किया जाता है । इस पर आरोपियों ने इसे गलत बताया और कहा कि वह सभी निर्दोष हैं । इसके बाद न्यायालय ने आरोप गठन की कार्रवाई पूरी करते हुए सीबीआई को १६ जुलाई से गवाही दर्ज कराने की तारीख निर्धारित की । पीडिता तारा शाहदेव ने हिंदपीढी थाना में १९ अगस्त २०१४ को प्राथमिकी दर्ज करायी थी ।

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आरोपियों पर ये हैं आरोप

इस मामले में सीबीआई की देहली शाखा ने जांच पूरी करते हुए १२ मई २०१७ को तारा के तथाकथित पति रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन, सास कौशल रानी एवं मुश्ताक अहमद के विरुद्ध भादिव की सुसंगत धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की थी । मामले की जांच सीबीआई देहली शाखा की डीएसपी सीमा पहुंजा ने की थी । सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया है कि कोहली, कौशल और अहमद ने शादी के तुरंत बाद तारा को धर्म परिवर्तन के लिए बाध्य किया । दहेज के लिए उसे प्रताडित किया । तारा शाहदेव का विवाह ७ जुलाई २०१४ को हुआ था । तारा का आरोप था कि रंजीत ने शादी से पहले अपना धर्म छिपाया था । बाद में उत्पीडन कर उसका धर्म बदलवाया । मुश्ताक अहमद पर तारा के परिवार पर कोहली से शादी का दबाव बनाने का आरोप है । शादी के बाद अहमद ने इस्लामिक पुस्तक लाकर दी । उन पर  प्रतिबंधित मांस खिलाने का आरोप है ।

फैक्ट फाइल

तारा शाहदेव ने १९ अगस्त २०१४ को हिंदपीढी थाने में रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन, उसकी मां कौशल रानी, उच्च न्यायालय के पूर्व रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद के विरोध में प्राथमिकी दर्ज करायी थी ।

अगले दिन सीआरपीसी की धारा १६४ के तहत तारा का बयान दर्ज किया गया, जिसमें मुश्ताक का नाम आया था ।

विवाह के बाद सास और पति रकीबुल ने प्रताडित करना शुरू कर दिया । आवेदन में तारा शाहदेव ने उच्च न्यायालय के तत्कालीन रजिस्टार मुश्ताक अहमद का भी उल्लेख किया था ।

मुश्ताक ने ही तारा से रकीबुल की जान पहचान करायी थी । उनके कहने पर रकीबुल ने जबरन धर्म परिवर्तन कराया । मुश्ताक बारबार धमकी देते थे कि रंजीत के साथ शारीरिक संबंध बनाओ ।

बाद में तारा ने जबरन धर्म परिवर्तन कराने एवं शारीरिक संबंध बनाने का मामला दर्ज कराया था ।

वर्ष २०१५ में उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई जांच शुरू हुई ।

मई २०१७ में चार्जशीट दाखिल होने के बाद मुश्ताक की न्यायालयी दौड शुरू हुई ।

स्त्रोत : लाइव हिन्दुस्तान

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