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तलाक पीडित महिला का दर्द : पति ने फिर से अपनाने के लिए ससुर के बाद देवर से हलाला की रखी शर्त

लव जिहाद के जाल में फंसकर महान हिन्दू धर्म का त्याग कर इस्लाम अपनानेवाले हिन्दू युवतियों, इस्लाम धर्म की ये सच्चार्इ जान लें ! यदि आप अपने जीवन में एेसा नही चाहते तो अपने महान एवं प्राचीन हिन्दू धर्म की महानता पहचाने तथा इन लव जिहादियों से सावधान रहें ! – सम्पादक, हिन्दुजागृति

तीन तलाक और हलाला का इतना घिनौना रूप भी हो सकता है इसके बारे में शायद ही पहले सुना हो, जो बरेली के बानखाना निवासी एक मुस्लिम महिला के साथ हुआ है । पति ने पहले तलाक देकर अपने बाप से हलाला करवाया । और अब अपने भाई से उसका हलाला कराने पर आमादा है । यानि पहले ससुर से हलाला कराकर निकाह किया और फिर तलाक देकर अब देवर से हलााला कराने पर तुला हुआ है ।

बरेली शहर के बानखाना निवासी शबीना ने आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी की अध्यक्ष निदा खान के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बताया कि, उसकी शादी गढी-चैकी के रहने वाले वसीम से वर्ष २००९ में हुई थी । उसका आरोप है कि, २ साल बाद वसीम ने उसे तलाक देकर घर से निकाल दिया । बाद में उसी साल वसीम ने अपने पिता के साथ उसका हलाला कराया । उसके बाद वह फिर वसीम के साथ रहने लगी, परंतु लडाई-झगडे खत्म नहीं हुए ।

शबीना का आरोप है कि, वर्ष २०१७ में उसके पति ने उसे फिर तलाक दे दिया । अब वह अपने भाई के साथ हलाला करने की शर्त रख रहा है । शबीना ने ऐसा करने से इन्कार कर दिया है और अब वह तीन तलाक, हलाला और बहुविवाह पर सख्त कानून चाहती हैं ताकि औरतें इस जुल्म से बच सकें । अपने ही ससुर के साथ हलाला करने के बारे में पूछे गए एक सवाल पर शबीना ने कहा कि उनके पास इसके सिवा और कोई रास्ता नहीं था ।

स्त्रोत : पंजाब केसरी

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