ढाका : बांग्लादेश के नारायणगंज जिले में हाल ही में कुछ धर्मांध मुसलमानों ने नाबालिग हिन्दू लडकी का अपहरण कर उसका बलपूर्वक इस्लाम में धर्मांतर करने की घटना सामने आई है ! इस प्रकरण में बांग्लादेश माईनॉरिटी वॉच के अधिवक्ता श्री. रवींद्र घोष ने पुलिस थाने इस संदर्भ में जांच की मांग की; परंतु वहां के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने अधिवक्ता श्री. घोष पर ही जांच में बाधा उत्पन्न करने का आरोप लगाया ! ४ जुलाई को प्रकाशित हुए दैनिक ‘जुगेर चिंता’ में यह समाचार प्रसिद्ध हुआ है । (बांग्लादेश में असुरक्षित हिन्दू एवं निष्क्रिय भारत सरकार ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
१. १२ जून को धर्मांधों ने १६ वर्षीय महाविद्यालयीन हिन्दू लडकी को प्रवेशद्वार पर रोक कर उसका अपहरण किया एवं उसे छोडने के लिए फिरौती की मांग की !
२. पीडिता के पिता ने पुलिस को अपराध प्रविष्ट करने के बिनती की । तब पुलिस उपनिरीक्षक अबुल कलम आजाद ने जांच का आश्वासन दिया । आजाद ने लडकी को छुडवाने के लिए पैसों की मांग की किंतु अपराध प्रविष्ट करने में विलंब लगाया ! पुलिस ने पीडिताद्वारा स्वेच्छा से इस्लाम में धर्मांतर कर रही है ऐसा शपथपत्र प्राप्त किया और आजाद ने पीडिता के पिता को इससे अवगत कराया । तब पीडिता के पिता ने यह शपथपत्र फर्जी होने का दावा किया !
३. अधिवक्ता श्री. घोष ने अपने सहयोगियों के साथ पुलिस थाने में जाकर आजाद के साथ लडकी का अपहरण एवं उसका हुआ धर्मांतरण इस संदर्भ में चर्चा की । अधिवक्ता श्री. घोष ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से भी इस संदर्भ में भ्रमणभाष पर बात की; परंतु वे श्री. घोष पर ही क्षुब्ध हो गए और उनसे असंविधानिक भाषा में बात की ! अधिवक्ता श्री. घोष ने कहा कि इस संदर्भ में बांग्लादेश के गृहमंत्री से संपर्क करने पर उन्होंने इस प्रकरण में ध्यान देने का आश्वासन दिया !
४. अधिवक्ता श्री. घोष ने हिन्दू लडकी का अपहरण एवं पुलिस प्रशासनद्वारा किए गए दुर्व्यवहार के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए इस लडकी को तुरंत छुडाया जाए एवं अपराधियों को कठोर दंड देने की मांग की है !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात