पुणे : यहां के बालगंधर्व चौक में १४ जुलाई को राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन का आयोजन किया गया था । उस समय ये मांगे की गई कि, शनिशिंगणापुर के शनैश्वर देवस्थान का सरकारीकरण करने का निर्णय, कर्नाटक शासन का हज हाऊस को क्रूरकर्मा टिपू सुलतान का नाम देने का निर्णय निरस्त करें ।’ इस समय हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. नागेश जोशी ने यह चेतावनी दी कि, ‘यदि आधुनिक गझनी हिन्दुओं के मंदिर अपने अधिकार में लेने का विचार कर रहे हैं, तो हिन्दु चुप नहीं रहेंगे । शासन मंदिरों के सरकारीकरण का निर्णय त्वरित वापस ले ।’ उस समय ७० से अधिक धर्माभिमानी उपस्थित थे । साथ ही श्री. जोशी ने यह भी बताया कि, ‘हज हाऊस को टिपू सुलतान का नाम देना अर्थात् अन्यायी मुसलमान सत्ता को महानता प्रदान करने के समान है ।’
अधिवक्ता मोहनराव डोंगरे ने बताया कि, ‘हज हाऊस को टिपू सुलतान का नाम देने के नतद्रष्ट हिन्दुद्वेषी सरकार के अनुचित निर्णय का विरोध करना चाहिए ।’ अधिवक्ता नीलेश निढाळकर ने बताया कि, ‘मंदिरों के निधी का उपयोग भक्तों की सुविधा तथा धर्मकार्य हेतु करना चाहिए; किंतु वर्तमान में वह अन्य धर्मियों के प्रार्थनास्थलों की सुविधा के लिए किया जाता है, यह बात निषेधार्ह है ।’ सनातन संस्था की कु. क्रांति पेटकर ने भी यह वक्तव्य किया कि, ‘मंदिर के सरकारीकरण के पीछे तथा देवनिधी गबन करने के पीछे ही सरकार का षडयंत्र है ।’
क्षणिकाएं
१. मार्ग से आने-जानेवालों ने भी मंदिर सरकारीकरण के विरोध में स्वयंस्फूर्ति से घोषणाएं दी । वाहन से जानेवाले धर्मप्रेमियों ने आंदोलन में घोषणा देते समय हाथ ऊठाकर अपना समर्थन दिखाया । अनेक लोगों ने उत्सुकता से आंदोलन के बारें में अधिक जानकारी प्राप्त की । साथ ही आंदोलन के छायाचित्र भी मुद्रित किएं ।
२. आंदोलन के स्थान पर अधिक संख्या में पुलिस उपस्थित थे ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात