मंदिर एवं धार्मिक संस्था महासंघ की ओर से प.पू.गोविंददेवगिरीजी को ज्ञापन
पुणे : मंदिर एवं धार्मिक संस्था महासंघ की ओर से १४ जुलाई को सायं समय मंदिर के पुरोहित एवं न्यास के पदाधिकारियों ने प.पू.गोविंददेवगिरी से भेंट कर विचार विमर्श किया। इस संदर्भ में उन्हे एक ज्ञापन भी दिया गया।
इस अवसर पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प.पू.गोविंददेवगिरीजी ने कहा कि, हिन्दू मंदिरों के सरकारीकरण की नीति के विरोध में कदम उठाने का प्रयास अत्यंत उचित है ! लोकतंत्र में हरएक व्यक्ति को धार्मिक स्वतंत्रता है। सरकार का कदम इसीके विरोध में पड़ता हुआ दिखाई देता है। इसलिए इस प्रकार की कोई घटना न हो, इस हेतु घटनात्मक सभी प्रयास एवं जनता में जागृति करना है। आप यह कर रहे हैं, यह एक महान धर्मकार्य एवं राष्ट्रकार्य है। इस संदर्भ में आप सभी का अभिनंदन ! इस कार्य को सफलता मिले एवं सरकार उचित कदम उठाए, ऐसी आशा भी उन्होंने व्यक्त की !
इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ के संगठक श्री.सुनील घनवट ने प.पू.गोविंददेवगिरीजी को मंदिर सरकारीकरण के प्रयास एवं मंदिरों की अबतक हुई दुरावस्था एवं तोडी गई प्रथा-परंपराओं के संदर्भ में अवगत कराया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात