चंडीगढ : श्रीनगर के एक युवा पर लव जिहाद और सामुहिक बलात्कार का आरोप लगाते हुए चंडीगढ की एक नाबालिगा ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में दायर याचिका में कहा है कि, चंडीगढ पुलिस उसकी शिकायत पर सही जांच नहीं कर रही है ।
इस मामले में उच्च न्यायालय में दायर याचिका में पीडिता ने कहा है कि, उसकी दोस्ती २०१६ में फेसबुक के माध्यम से श्रीनगर के एक युवक से हुई थी । उस समय आरोपित ने खुद को हिन्दू बताया था । नवंबर २०१६ में दोनों चंडीगढ के एक होटल में मिले, जहा आरोपी आरोपित ने उसके साथ जबरन संबंध बनाने का प्रयास किया । जब लडकी ने इससे मना किया तो आरोपी श्रीनगर वापस लौट गया । लडकी का दावा है कि मई और जून २०१७ में दो बार लडके ने उसे श्रीनगर बुलाया । इस दौरान लडके के परिवार के पाच सदस्यों ने उसके साथ दुष्कर्म किया ।
इस दौरान आरोपित की ओर से पीडिता की कुछ आपत्तिजनक फोटो खींचे जाने के चलते वह बाद में उसे ब्लैकमेल करने लगा । आरोपित की मा ने पीडिता का जबरन गर्भपात भी कराया और उसके सारे पैसे और गहने भी छीन लिए । याचिकाकर्ता के वकील आर एस ढुल्ल ने न्यायालय को बताया कि इस मामले में १८ जुलाई २०१७ को एफआइआर दर्ज कर ली थी परंतु केवल नाबालिग आरोपित को एक बार गिरफ्तार किया गया और उसे जमानत पर छोड दिया गया । उन्होंने आरोप लगाया कि चंडीगढ पुलिस ने इस मामले में आरोपित के मोबाइल फोन और आपराधिक साजिश में प्रयोग की गई चीजों को भी जब्त नहीं किया है ।
उन्होंने कहा कि पीडिता की जान को खतरा है जिस पर जस्टिस अनिता चौधरी की पीठ ने पीडिता का दसवीं का प्रमाण पत्र न्यायालय में पेश करने और ट्रायल कोर्ट में दायर चालान की कॉपी मंगवाते हुए सुनवाई को १२ सितंबर तक स्थगित कर दिया है । उच्च न्यायालय ने पीडिता को सुरक्षा के लिए ट्रायल कोर्ट में मामला दर्ज करवाने को भी कहा है ।
स्त्रोत : जागरण