हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु घटनात्मक मार्ग से कार्य करने का अधिवक्ताओं का निश्चय !
यवतमाळ : राष्ट्र-धर्मकार्य करनेवाले हिन्दुओं के मन मे होनेवाला अधिनियमों का डर दूर होकर उन्हें अधिनियमों के संदर्भ का मार्गदर्शन प्राप्त हो, इसलिए हाल ही में यवतमाळ में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से अधिवक्ताओं की एक बैठक का आयोजन किया गया ।
इस समय समिति के विदर्भ समन्वयक श्री. श्रीकांत पिसोळकर ने कहा कि, ‘‘स्वातंत्र्यपूर्व काल से भारत हिन्दू राष्ट्र ही था । वर्ष १९७६ में इंदिरा गांधी ने आपातकालीन परिस्थिति में घटनादुरुस्ती कर ‘सेक्युलर’ यह शब्द घटना में घुसेड दिया ! इससे हिन्दुओं की अधिक हानी हुई । अतः भारत को पुनः घटनात्मक मार्ग से ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करने के लिए अधिवक्ताओं का योगदान महत्त्वपूर्ण है !
इस अवसर पर १२ अधिवक्ताओं की उपस्थिति रही । मार्गदर्शन के पश्चात उन्होंने हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए घटनात्मक मार्ग से कार्य करने का निश्चय किया ।
वैशिष्ट्यपूर्ण
१. गोवा के सप्तम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन के अंतर्गत संपन्न अधिवक्ता अधिवेशन के लिए उपस्थित रहें अधिवक्ता श्री. वीरेंद्र दराने ने स्वयं संपर्क कर इस बैठक का आयोजन किया !
२. जिले में एक अधिवक्ता अधिवेशन का आयोजन करने के लिए सभी ने १०० अधिवक्ताओं को आंमत्रित करने का निश्चय किया !
३. सूचना अधिकार के अंतर्गत भी एक कार्यशाला का आयोजन करने के लिए सभी ने अपनी अनुमती दर्शाई !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात