यह तो ईसाई मिशनरियों का एक सोचा समझा षड्यंत्र है । आज गांव तो छोड दो शहरों में भी है बहुत तेजी से र्इसार्इकरण चल रहा है पर सनातन धर्म को मानने वाले हिन्दू जरासे लालच में आकर अपने धर्म की महानता को समझ ही नहीं रहे है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है ! इसलिए आज देश में धर्मांतरण प्रतिबन्ध कानून लागू होने की आवश्यकता है ! – सम्पादक, हिन्दुजागृति
जौनपुर (उत्तरप्रदेश) – जिले में ईसाई मिशनरियां गुपचुप किंतु बहुत ही कारगर ढंग से अपनी मुहिम में जुटी हैं। साप्ताहिक सामूहिक प्रार्थना सभा की आड में धर्मांतरण का खेल चल रहा है। डोभी विकास खंड के ग्राम सभा हरिहरपुर के बढय़ापार गांव के अधिसंख्य बाशिंदों को बहला-फुसला व प्रलोभन देकर ईसाई बना दिया है। यह जानकर हैरत होगी कि इस पुरवा में कभी १०० परिवार हिंदू थे अब बचे हैं सिर्फ पांच। धर्मांतरण कर चुके परिवार बडी बेबाकी से इस बात को कुबूल भी कर रहे हैं।
कही-सुनी से पता चलने के बाद हकीकत पता की गई तो मालूम हुआ कि कभी हिंदू बहुल गांव अब ईसाई मतावलंबियों का गढ बन चुका है। पूरे गांव में अब महज चार या पांच ही हिन्दू धर्मानुयायी कुनबे बचे हैं। ऐसा भी नहीं है कि वे इस बात को छिपाते हैं। बड़ी साफगोई से स्वीकार करते हैं कि हां, हम धर्म परिवर्तन कर चुके हैं। गांव में लाल बहादुर के घर हर सप्ताह प्रार्थना सभा भी होती है। भूलनडीह गांव में ईसाई मिशनरी से जुड़ा दुर्गा यादव भी प्रार्थना सभा कराता है। हर रविवार व मंगलवार को होने वाली प्रार्थना सभा का गुपचुप तरीके से प्रचार-प्रसार बढता गया। आज हालत यह है कि इसमें लगभग पांच हजार की भीड जुटती है। चंदवक के निकट जमुनीबारी गांव के मैदान में हर शुक्रवार को प्रार्थना सभा होती है। ग्राम सभा हरिहरपुर के प्रधान शिव बालक यादव ने इस बारे में पूछने पर कहा कि इसकी उन्हें जानकारी नहीं थी।
स्त्रोत : जागरण