मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष चतुर्दशी, कलियुग वर्ष ५११६
अपने कड़े कदम पर कायम और केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) के सुझावों को दरकिनार करते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने केंद्रीय विद्यालयों में पढ़ाई जा रही तीसरी या वैकल्पिक भाषा के रूप में जर्मन पढ़ाए जाने पर रोक लगा दी है । अब केंद्रीय विद्यालयों में जर्मन की जगह संस्कृत पढ़ाई जाएगी ।
केंद्रीय विद्यालय संगठन ने इस बात का अंदेशा जताया था कि इस तरह बीच में जर्मन को यूं अचानक बंद करने से पैरेंट्स में नाराजगी और अन्य विभागीय मुद्दे पैदा हो सकते हैं । इस बात पर मंत्रालय द्वारा जर्मन को 2017-18 तक धीरे-धीरे चरणों में हटाए जाने को प्राथमिकता दिए जाने की बात कही गई थी ।
सेशन के बीच में इस तरह के बदलाव से छठी, सातवीं और आठवीं क्लास के स्टूडेंट्स को होने वाली दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए अब यह फैसला लिया गया है कि छठी क्लास के फर्स्ट टर्म के लिए अब संस्कृत का पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा । इसी के आधार पर उनका रचनात्मक और योगा के आधार पर असेस्मेंट भी किया जाएगा । छात्रों के पहले टर्म में जर्मन या विदेशी भाषा के ग्रेड को उनके सालाना रिजल्ट तैयार करते हुए शामिल कर लिया जाएगा ।
संगठन ने इस ओर भी ध्यान दिलाया था कि अगर स्टूडेंट स्कूल बदलते हैं, जैसा कि केंद्रीय विद्यालय सिस्टम में होता है, तो उन्हें अपनी पढ़ाई के साथ ताल-मेल बिठाने में भी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है ।
स्त्रोत : आज तक